‘आयएनएस कवरत्ती’ भारतीय नौसेना में दाखिल

INS-karavattiविशाखापट्टणम् – सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने ‘स्टेल्थ’ तकनीक से निर्माण की गई स्वदेशी पनडुब्बी विरोधी ‘आयएनएस कवरत्ती’ युद्धपोत गुरूवार के दिन भारतीय नौसेना के हवाले की। विशाखापट्टणम्‌ के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित समारोह में यह युद्धपोत भारतीय नौसेना में दाखिल हुई। ‘आयएनएस कवरत्ती’ का भारतीय नौसेना में हुआ समावेश देश का समुद्री क्षेत्र सुरक्षित रखने के उद्देश्‍य से उठाया गया अहम कदम साबित होता है, यह विश्‍वास जनरल नरवणे ने व्यक्त किया। साथ ही विशाल और ताकतवर भारतीय नौसेना हमेशा से ही समुद्री सीमा, प्रदेश एवं विशेष समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा करने के लिए समर्थ है, यह संदेश भी जनरल नरवणे ने इस दौरान दिया।

भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट २८’ के तहत चार स्वदेशी युद्धपोतों का निर्माण किया गया है। ‘आयएनएस कवरत्ती’ इस प्रोजेक्ट की चौथी और आखिरी युद्धपोत है। वर्ष १९७१ में बांगलादेश की आज़ादी के युद्ध में अर्नाला वर्ग की पुरानी ‘आयएनएस कवरत्ती’ के नाम से ही इस नई युद्धपोत का नामकरण किया गया है। यह युद्धपोत ३,३३० टन भार की १०९ मीटर लंबाई की है। कोलकाता की ‘गार्डन रिसर्च शिप बिल्डर्स ऐण्ड इंजिनिअर्स लिमिटेड’ ने इस युद्धपोत का निर्माण किया हैं। ९० प्रतिशत स्वदेशी निर्माण की इस युद्धपोत में कार्बन कंपोझिट का इस्तेमाल किया गया हैं।

INS-karavatti‘प्रोजेक्ट २८’ को वर्ष २००३ में मंजूरी दी गई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत इससे पहले ‘आयएनएस कामोर्ता’ (२०१४), ‘आयएनएस कदमत’ (२०१६) और ‘आयएनएस किल्तान’ (२०१७) में भारतीय नौसेना में शामिल की गई हैं।

पनडुब्बी विरोधी युद्ध के लिए निर्माण की गई ‘आयएनएस कवरत्ती’ का समुद्री परीक्षण पूरा हुआ है और अब यह युद्धपोत चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। शत्रु की राड़ार यंत्रणा को चकमा देने की क्षमता रखनेवाली यह ‘स्टेल्थ’ युद्धपोत इस पर लगे प्रगत सेंसर्स की वजह से काफी दूरी से शत्रु की पनडुब्बी को खोज़ सकती है। पनडुब्बी विरोधी युद्ध के लिए तैयार किया गया हेलिकॉप्टर उतारने की व्यवस्था से लैस ‘आयएनएस कवरत्ती’ युद्धपोत परमाणु, रासायनिक एवं जैविक युद्ध में भी शक्तिशाली साबित होगी, यह दावा किया जा रहा है। भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर तनाव बना हुआ है। इन दोनों सीमाओं पर भारतीय रक्षाबल तैयारी में हैं। इस पृष्ठभूमि पर ‘आयएनएस कवरत्ती’ का भारतीय नौसेना में समावेश होना बड़ी अहमियत रखता है।

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