देेश की पहली स्वदेश ड्रोन डिफेन्स डोम सिस्टिम ‘इंद्रजाल’ विकसित

नई दिल्ली – हाल ही में जम्मू के वायुसेना के अड्डे पर ड्रोन द्वारा दो आतंकवादी हमले किए गए थे। देश में पहली बार इस प्रकार ड्रोन द्वारा हमले हुए हैं। इससे सुरक्षा यंत्रणा के सामने नईं चुनौतियाँ खड़ी हुईं हैं। इस पृष्ठभूमि पर एक गौरतलब खबर सामने आई है। रोबोटिक्स क्षेत्र में काम करनेवाली ‘ग्रेन रोबोटिक्स’ इस प्राइवेट कंपनी ने पहली स्वदेश ड्रोन डिफेन्स डोम सिस्टिम विकसित करने में सफलता प्राप्त की है। इस कंपनी के सलाहकार मंडल पर होनेवाले रक्षा विशेषज्ञ, वर्तमान-पूर्व लष्करी अधिकारी इनके मार्गदर्शन में ‘इंद्रजाल’ नामक इस ड्रोन डिफेन्स डोम सिस्टिम का निर्माण किया गया, ऐसा कंपनी ने कहा है। 

आतंकवादियों ने घातपात के लिए शुरू किया ड्रोन का इस्तेमाल, सुरक्षा यंत्रणा के सामने नई चुनौती के रूप में सामने आया है। पिछले दो सालों से पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसी तस्करी की कई कोशिशें सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दीं। लेकिन अब इस ड्रोन का इस्तेमाल करके हमलें कराने की कोशिशें पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन कर रहे हैं। रविवार को हुए हमले के बाद इस मोरचे का सामना करने की तैयारी भारत को रखनी पड़ेगी, ऐसा स्पष्ट रूप में सामरिक विशेषज्ञ जता रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, स्वदेशी बनावट की पहली ड्रोन डिफेन्स डोम सिस्टिम की खबर सामने आई है। ड्रोन डिफेन्स डोम सिस्टिम को ‘इंद्रजाल’ यह नाम दिया होकर, ग्रेन रोबोटिक्स इस कंपनी ने यह यंत्रणा विकसित की है। एक ड्रोन डिफेन्स सिस्टिम द्वारा १००० से २००० वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हवाई सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, ऐसा कंपनी का कहना है। यह यंत्रणा एक ही समय पर कई हमलों को रोकने में सक्षम है। आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, साइबर सिक्युरिटी और रोबोटिक्स पर आधारित यह यंत्रणा हवाई खतरे को पहचान सकती है।

मानवरहित विमान यानी युएव्ही, दुश्मन द्वारा छोड़े गए हथियार ऐसे सभी खतरों को नष्ट करने की क्षमता इस यंत्रणा में है। रियल टाईम डाटा पर यह यंत्रणा काम करती है। साथ ही, दुश्मन के शस्त्रों का सुराग निकालकर उन्हें नष्ट कर सकती है। इसके लिए एक नेटवर्क तैयार करती है। यह यंत्रणा यानी ९ से १० तंत्रज्ञानों का एकत्रीकरण होकर, २४ घंटे ३६५ दिन एकदम खराब हवामान में भी यह यंत्रणा काम कर सकती है, ऐसा कंपनी का कहना है। फिलहाल ग्रेन रोबोटिक्स भारतीय रक्षा बलों के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट के जरिए जोड़ी गई है।

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