भारत-अमरीका रक्षा सहयोग का दायरा बढ़ा – इस वर्ष अमरीका से तीन अरब डॉलर्स से अधिक कीमत के हथियारों की हुई खरीद

वॉशिंग्टन – ‘एलएसी’ पर जारी चीन की गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भारत ने रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में हथियारों की खरीद करने की बात सामने आयी है। इस वर्ष भारत ने अमरीका से कुल 3.4 अरब डॉलर्स के हथियार खरीदे हैं, यह जानकारी अमरिकी यंत्रणा ने साझा की है। इन हथियारों की खरीद भारत और अमरीका के बढ़ते रक्षा सहयोग के संकेत समझी जा रही है।

भारत ने इस वर्ष अमरिकी हथियारों की खरीद में काफी बढ़ोतरी की हुई दिखाई दे रही है। अमरीका की ‘डिफेन्स सिक्युरिटी को-ऑपरेशन एजन्सी’ (डीएसीए) ने बीते वीत्तिय वर्ष की तुलना में इस वर्ष भारत ने अमरीका से हथियारों की खरीद काफी मात्रा में बढ़ाई होने की बात दर्ज़ की है। अगले दिनों में भी भारत गश्‍त एवं हमलावर ड्रोन्स की अमरीका से खरीदने की संभावना है और इस वजह से दोनों देशों का रक्षा सहयोग अधिक ऊँचाई पर जाएगा, यह बात स्पष्ट तौर पर दिख रही है।

क्या डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्राध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भारत और अमरीका के संबंधों की गिरावट शुरू होगी, यह चर्चा भी शुरू हुई थी। लेकिन, अमरीका के अगले राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अपनी नीति में भारत का स्थान अहम रहेगा, यह घोषित करके इस विषय की जारी सभी चर्चाएं खत्म की हुई दिखाई दे रहा हैं। अमरीका की ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र से संबंधित नीति को ध्यान में रखें तो यह देश भारत के साथ बने संबंधों को कभी नज़रअंदाज़ करने की गलती नहीं करेगा, ऐसा बयान विश्‍लेषक कर रहे है।

हथियार और रक्षा सामान का निर्माण करनेवाली अमरिकी कंपनियां भारत की ओर बड़े अहम ग्राहक देश के तौर पर देख रही हैं। यह कंपनियां भारत में ही हथियार और रक्षा सामान निर्माण करने के संयुक्त प्रकल्प स्थापित करने के लिए उत्सुक होने की बात भी स्पष्ट हुई है। ऐसी स्थिति में भारत का अमरीका के साथ जारी रक्षा सहयोग अधिक व्यापक होगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। इसके साथ ही दोनों देशों ने किए ‘लिमोआ’, ‘बेका’ जैसे सामरिक सहयोग के समझौतों का प्रभाव जल्द ही दिखाई देगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

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