भारत-अमरिका ‘टू प्लस टू’ बातचीत में इंडो-पैसिफिक के मुद्दे को अहमियत

वॉशिंग्टन: भारत आणि अमरिका की ‘टू प्लस टू’ बातचीत शुरू हुई है और इस दौरान दोनों देशों ने अपने सभी स्तरों का सहयोग और भी मजबूत और व्यापक करने का दृढ संकल्प किया है| खास तौर पर मुक्त और स्वतंत्र ‘इंडोपैसिफिक’ क्षेत्र के लिए समविचारी देशों के साथ सहयोग बढाने की दोनों देशों ने की घोषणा ध्यान आकर्षित कर रही है| भारत रक्षा सामान की खरीद करने के लिए नए विकल्प विकसित कर रहा है और रक्षा साहित्य का निर्माण देश में ही करने की कोशिश कर रहा है| ऐसे में भारत का अमरिका के साथ सहयोग बढने की बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने रेखांकित की|

भारत और अमरिका के विदेशमंत्री एवं रक्षामंत्री के बीच हो रही यह दुसरी ‘टू प्लस टू’ बातचीत है| इससे पहले नई दिल्ली में इन दो देशों की ‘टू प्लस टू’ बातचीत हुई थी| वॉशिंग्टन में यह बैठक शुरू होने से पहले दोनों देशों ने सभी स्तरों के सहयोग की उम्मीदों को नई उंचाई दी है, यह दावा अमरिकी कुटनीतिज्ञ कर रहे है| इसके अनुसार इस बातचीत में द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए विकल्प विकसित करने पर गहराई से बातचीत होने की खबर है| भारत और अमरिका यह सहयोग विकसित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से प्लैन के साथ कोशिश कर रहे है, यह बयान भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया|

भारत और अमरिका के रक्षासंबंधी सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंदों का मजबूत आधार होने का दावा इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने किया| भारत अपने रक्षा सामान की खरीद के लिए नए विकल्प विकसित कर रहा है| साथ ही रक्षासामान के निर्माण में आत्मनिर्भर होने की दिशा में भी भारत की कोशिश हो रही है| ऐसी स्थिति में भारत और अमरिका का सहयोग और भी अहमियत रखता है, ऐसा राजनाथ सिंग ने आगे कहा| इसके अलावा रक्षामंत्री ने आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित करके पाकिस्तान भारत के विरोध में आतंकी गतिविधियों को बढावा दे रहा है, इस बात पर ध्यान आकर्षित किया|

पाकिस्तान का नेतृत्व भारत को विरोध में कर रहा भडकाउ बयान और आक्रामक भाषा का प्रयोग दोनों देशों में शांति स्थापित करने के लिए सहायस साबित नही होगा, यह भी भारतीय रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया| पाकिस्तान में उभर रहे आतंकवाद के बारे में भारत को महसूस हो रही चिंता सही साबित होती है, ऐसा अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने कहा है| अमरिका भी आतंकवाद के विरोध में भारत के साथ खडी है और आतंकियों को रोकने के लिए भारत के साथ सहयोग करने के लिए अमरिका पहल करेगी, यह वादा भी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने इस दौरान किया|

इस बातचीत में ‘इंडोपैसिफिक’ क्षेत्र का खास तौर पर जिक्र किया गया और इससे दोनों देशों की प्राथमिकता का क्रम स्पष्ट हो रहा है| समविचार देशों की सहायता प्राप्त करके इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए भारत और अमरिका पहल करेंगे, यह मुद्दा इस बातचीत के जरिए स्पष्ट किया गया| अलग शब्दों में दुनिया के दो प्रमुख जनतांत्रिक देश इंडोपैसिफिक क्षेत्र के जनतांत्रिक देशों के साथ सहयोग बढाकर चीन की आक्रामक हरकतों को रोकेंगे, यह इशारा ही भारत और अमरिका ने इसके जरिए दिया है|

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