‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की तरह ‘स्वतंत्र आर्थिक व्यासपीठ’ का निर्माण करने के लिए भारत की तैयारी

नई दिल्ली – ‘डाव्होस’ में हो रही ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की तरह भारत भी अपने स्वतंत्र ‘आर्थिक व्यासपीठ’ का निर्माण करने की तैयारी में है| अगले पांच वर्षों में ‘पांच ट्रिलियन डॉलर्स’ की अर्थव्यवस्था बनाने का उद्देश्य केंद्र सरकार ने रखा है| इसके लिए विदेशी निवेष का बडा प्रवाह देश में आने की उम्मीद है| साथ ही दुनिया में प्रमुख अर्थव्यवस्था बने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना आर्थिक महत्व रेखांकित करने के लिए भी इस स्वतंत्र आर्थिक व्यासपीठ का प्रभावी इस्तेमाल करने की भारत का प्लैन है| शुक्रवार के दिन पेश किए गए बजट में भी भारत की इस उम्मीद का चित्र दिखाई दे रहा था|

दुनिया के प्रमुख देशों के नेता, अर्थ शास्त्री और वित्तीय एवं अन्य अहम क्षेत्र के सम्मानित स्वित्जर्लैंड के ‘डाव्होस’ में हो रहे ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ का हिस्सा होते है| इस बैठक पर पूरी दुनिया में प्रभाव करनेवाली आर्थिक नीति पर बातचीत होती है और निर्णय भी होते है| पीछले वर्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘डाव्होस’ की इस बैठक में शालिम हुए थे| लेकिन, अपना आर्थिक प्रभाव बढाने के लिए चीन जैसे देश ने इसी तरह ‘बाओ फोरम’ की शुरूआत की थी| इसके पीछे दुनिया भर के निवेषकों को आकर्षित करने के साथ ही अपना आर्थिक वर्चस्व स्थापित करने की चीन की कोशिश है| लेकिन, व्यापारयुद्ध की वजह से चीन का प्रभाव काफी मात्रा में कम होता दिख रहा है| इसी बीच चीन की अर्थव्यवस्था के सामने खडी चुनौती और भी तीव्र हो रही है और इसका भी चीन की आर्थिक क्षमता पर विपरित प्रभाव होता दिख रहा है|

ऐसी स्थिति में भारत ने अपना स्वतंत्र आर्थिक व्यासपीठ तैयार करने की गतिविधियां शुरू की है| अपने बजट के भाषण में केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारामन ने विदेशी निवेष बढाने की जरूरत स्पष्ट की थी| इसके लिए कुछ प्रावधान और सुधार की जरूरत होने की बात भी उन्होंने स्वीकारी थी| साथ ही अर्थव्यवस्था में पैसे की मात्रा बढाने के लिए विदेशी निवेष और विदेश से कर्ज पाने के संकेत सीतारामन ने दिए थे| अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी सस्ते दर में कर्ज और निवेष उपलब्ध है| इसका लाभ उठाने की तैयारी भारत सरकार ने करने की चर्चा वित्तीय विशेषज्ञों में शुरू हुई है|

इस वजह से ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की तरह भारत ने पहल करके शुरू किया हुआ आर्थिक व्यासपीठ अगले दौर में काफी अहम भूमिका निभा सकेगा|

इससे अंतरराष्ट्रीय निवेषकों को भारत आसानी से आकर्षित कर सकेगा| भारत में बुनियादी सुविधा क्षेत्र में निवेष के लिए काफी अवसर है और इस क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में करीबन १.५ ट्रिलियन डॉलर्स निवेष होने की उम्मीद है| इसके लिए विदेशी निवेष पाने में भारत कामयाब होता है तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और गति में काफी सुधार होगा| साथ ही इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर भी भारत का स्थान और भी मजबूत हो सकेगा| इसी लिए भारत ने इस दिशा में कदम बढाने के लिए शुरू किए गतिविधियों का संज्ञान लेते विदेशी वृत्तसंस्था दिखाई दे रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.