‘इंडो-पसिफ़िक’ में भारत का महत्व बढेगा

रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन का दावा
नई दिल्ली: सरकार ने नौसेना के बारे में अपनाई नीति के सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं और आने वाले समय में ‘इंडो-पसिफ़िक’ समुद्री क्षेत्र में भारत का महत्व अधिक बढ़ने वाला है, ऐसा विश्वास रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने व्यक्त किया है। राजधानी नई दिल्ली में आयोजित नौसेना अधिकारियों की परिषद में रक्षामंत्री बोल रहीं थी। चार दिनों की इस परिषद में भारतीय नौसेना की चुनौतियाँ और नौसेना से संबंधित अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा अपेक्षित है।

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नौसेना अधिकारियों की यह विशेष परिषद शुरू होने से पहले नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा ने हिन्द महासागर क्षेत्र के बारे में महत्वपूर्ण विधान किया था। इस क्षेत्र में चीनी नौसेना ने घुसपैठ शुरू की है और यहाँ चीन की नौसेना हमेशा के वास्तव्य के लिए आई है, ऐसा एडमिरल लाम्बा ने कहा था। लेकिन चीनी नौसेना की इन कार्रवाइयों पर भारतीय नौसेना ने कडी नजर रखी है, ऐसा कहकर इस बारे में देशवासियों को लान्बा ने आश्वस्त किया था। उनके इस विधान की पृष्ठभूमि पर मंगलवार से राजधानी नई दिल्ली में नौसेना की यह परिषद शुरू हुई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन के हाथों परिषद का उद्घाटन हुआ।

इस अवसर पर बोलते समय रक्षा मंत्री सीतारामन ने सरकार ने नौसेना के बारे में अपनाई नीतियों के बारे में जानकारी दी। इन सकारात्मक नीतियों के परिणाम दिखाई दे रहे हैं, ऐसा कहकर सीतारामन ने इस परिषद में भी इसका सकारात्मक परिणाम दिखाई देने का दावा किया है। नौसेना के अधिकारियों ने उपस्थित किए मुद्दों पर सटीक चर्चा हुई है, ऐसा कहकर रक्षा मंत्री ने समाधान व्यक्त किया है। २०१७ से २०१८ के दौरान नौसेना ने रखी माँगों के बारे में सोचते हुए इसमें से कई माँगों पर आवश्यक कार्रवाई पूरी होने की जानकारी, सीतारामन ने दी है।

इस परिषद में बोलते समय नौसेना के अधिकारियों ने देश की रक्षा लागत में नौसेना के हिस्से में आने वाली लागत को बढ़ाया जाए, ऐसा मुद्दा उपस्थित किया। इस पर भी परिषद में गहन चर्चा हुई है। इस परिषद को संबोधित करते समय नौसेना प्रमुख सुनील लान्बा ने आने वाले समय में भारतीय नौसेना मुहीम के अनुसार तैनाती, युद्धपोतों की देखभाल और हिंदमहासागर में व्यूहरचनात्मक गतिविधियों को सर्वाधिक महत्व देने वाले हैं, ऐसा कहा है। साथ ही नौसेना अधिकारियों ने इस परिषद में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ जैसी अतिप्रगत तकनीक के इस्तेमाल के बारे में भी अपने विचार रखे।

दौरान, हिन्द महासागर क्षेत्र से लेकर पसिफ़िक महासागर तक के क्षेत्र में चीन की नौसेना ने अपना अस्तित्व बढ़ाया है। चीन की नौसेना का सामर्थ्य बड़े पैमाने पर बढने की वजह से इस क्षेत्र में कमाल का असमतोल निर्माण हुआ है और चीन के सामर्थ्य की वजह से इस क्षेत्र के देश डर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में इस विस्तीर्ण समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। नौसेना की परिषद में भी इसका असर दिखाई दिया है।

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