भारतीय नौसेना ने ‘बराक-८’ का किया परिक्षण – इस्रायल का विशेष सहयोग

नई दिल्ली – भारतीय नौसेना ने शनिवार के दिन जमीन से हवां में हमला करनेवाले मध्यम दूरी की मिसाइल का सफल परिक्षण किया| यह मिसाइल भारतीय रक्षा संशोधन संस्था (डीआरडीओ) और इस्रायल एरोस्पेस इंडस्ट्रिज इन्होंने संयुक्त प्रयत्नों से विकसित किया है| भारतीय नौसेना की ‘आईएनएस कोची’, ‘आईएनएस चेन्नई’ एवं अन्य एक युद्धपोत की सहायता से यह परिक्षण करने की जानकारी नौसेना के सूत्रों ने दी है|

‘बराक-८’ नाम से पहचाने जा रहे इस मिसाइल की खरीद के लिए भारत और इस्रायल में वर्ष २०१७ में समझौता हुआ था| भारत में ‘भारत डायनामिक्स लिमिटेड’ ने इस प्रगत मिसाईल का निर्माण हो रहा है| नौसेना के लिए विकसित हो रहे यह मिसाइल ७० किलोमीटर दूरी तक हमला करने के लिए उपयोगी है| इस दूरी में जहाज विरोधी एवं बैलस्टिक मिसाइल नष्ट करने की क्षमता भी ‘बराक-८’ रखता है|

साथ ही दुश्मनों के लडाकू विमान और ड्रोन्स को लक्ष्य करने में भी ‘बराक-८’ कामयाब होगा, यह दावा भारतीय अधिकारियों ने किया है| नए परिक्षण की वजह से भारतीय नौसेना की युद्ध करने की क्षमता बडी तादाद में बढने का विश्‍वास भी अधिकारी ने व्यक्त किया है| मिसाइल के साथ ही दुश्मनों के लडाकू विमान और ड्रोन्स को लक्ष्य करने की क्षमता के मिसाइल रखनेवाले भारत दुनिया में गिनेचुने देशों में से एक होने की बात सूत्रों ने स्पष्ट की|

फिलहाल भारतीय नौसेना की ‘कोलकाता वर्ग’ की विध्वंसकों पर ‘बराक-८’ पर तैनात किया गया है| लेकिन, भविष्य में भारतीय नौसेना की सभी प्रमुख युद्धपोतों पर इस मिसाइल की तैनाती होगी, यह जानकारी नौसेना ने दी है|

पिछले कुछ वर्षों में भारत और इस्रायल के बीच बडी मात्रा में रक्षा सहयोग बढ रहा है| पिछले वर्ष भारत ने करीबन ७७ करोड डॉलर्स की ‘लॉंग रेंज मिसाइल डिफेन्स सिस्टिम’ की खरीद के लिए इस्रायल के साथ समझौता किया है| इसके साथ ही भारत ने इस्रायल से ‘हारोप किलर ड्रोन्स’ की खरीद करने का भी निर्णय किया है|

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