श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में स्थित चीन के जहाज़ों पर भारतीय नौसेना की कड़ी नज़र

नई दिल्ली – श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में, चीन के अनुसंधान और सर्वे करनेवाले कुछ जहाज़ बीते महीने से ड़ेरा जमाए हैं। इस समुद्री क्षेत्र में चीन का पुरातन जहाज़ डूबा था। इससे संबंधित अनुसंधान के लिए ये जहाज़ तैनात किए हैं, ऐसा चीन ने स्पष्ट किया है। लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर चीन ने अपनाई महत्वाकांक्षा को मद्देनज़र रखते हुए, भारत ने चीन जहाज़ों की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी है।

बीते महीने में चीन के दो जहाज़ श्रीलंका के कोलंबो के करीबी समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुए थे। इन जहाज़ों ने फिलहाल जिस स्थान पर ड़ेरा जमाया है, वहाँ पर १५ वीं सदी में चीन का पुरातन जहाज़ डूबा था, यह दावा चीन कर रहा है। इसी जहाज़ से संबंधित अनुसंधान का कार्य करने के लिए चीन ने अपने ये जहाज़ इस समुद्री क्षेत्र में रवाना किए हैं। वर्ष २०१४ में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने श्रीलंका के साथ किए समझौते की वजह से, चीनी नौसेना के जहाज़ श्रीलंका के समुद्री क्षेत्र में सर्वे कर सकते हैं। यह सर्वे उसी समजौते का एक हिस्सा बनता है। लेकिन, भारतीय नौसेना को चीन के उद्देश्‍य पर आशंका है। इसके पीछे चीन की कुछ साज़िश होगी, यह संभावना भी नौसेना ने व्यक्त की है।

इस वजह से, संबंधित क्षेत्र में मौजूद चीन के जहाज़ों पर भारतीय नौसेना की कड़ी नज़र बनी है। इससे पहले भी चीन ने ऐसी ही हरकत की थी। सन २०१२ से ही चीनी नौसेना ने हिंद महासागर के क्षेत्र में मौजुदगी बढ़ायी है। इस वजह से भारत की सुरक्षा और हितसंबंधों को खतरा बनता है। सिर्फ हिंद महासागर में ही नहीं, बल्कि जापान, फिलिपाईन्स को भी उकसाकर चीन इन देशों के समुद्री क्षेत्र में युद्धपोत रवाना कर रहा है। लेकिन, चीन की इस आक्रामकता को ये देश ज़ोरदार प्रत्युत्तर दे रहा है। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना भी सतर्क है।

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