कड़ी ठंड़ में लड़ने के लिए भारतीय सेना तैयार रहेगी – चीनी सेना को भारत का इशारा

नई दिल्ली – लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर कड़ी ठंड़ में युद्ध करके भारत को झटका देने की साज़िश चीन ने रचने के दावे प्रसिद्ध हुए थे। चीन के सरकारी मुखपत्र भी प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर कड़ी ठंड़ भारत की सेना बर्दाश्‍त नही कर सकेगी ऐसा कहकर भारत को पीछे हटने की सलाह दे रहा था। लेकिन, वहां की कड़ी ठंड़ में भी लड़ने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार हैो और ४० फिट की बर्फ जमने की स्थिति में भी भारतीय सेना को सामान की आपूर्ति करने की तैयारी की गई है, ऐसा कहकर भारत के पूर्व लष्करी अधिकारियों ने चीन के प्रचार युद्ध पर मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिया है।

भारतीय सेना

प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के लिए आवश्‍यक सामान एवं सामग्री की आपूर्ति करना जारी किया गया है। इसके लिए सैंकड़ों ट्रक्स सामान भारतीय सेना के पोस्ट पर भेजा जाने लगा है। वायुसेना के भारी सामान की यातायात करनेवाले ‘सी-१७ ग्लोबमास्टर’ विमान और ‘चिनूक हेलिकॉप्टर्स’ लद्दाख की सीमा पर सक्रिय हैं। यह सारी ठंड़ की तैयारी की जा रही है और अगले दिनों में यातायात के सभी मार्ग बंद होने पर भी भारतीय सेना को आवश्‍यक सामान की कमी महसूस नहीं होगी, इसका ध्यान रखा जा रहा है।

भारतीय सेना

भारतीय सेना की इन गतिविधियों का चीन को संज्ञान लेना पड़ा। इस क्षेत्र में भारतीय सेना लंबे समय की तैनात की गई एवं किसी भी क्षण युद्ध  के लिए तैयार रहने की बात चीन को बहुत परेशान कर रही हैं। इसके अलावा भारतीय सेना का मनोबल ऊंचा होने का एहसास भी चीन को हुआ है। इसी कारण चीन ने मानसिक दबाव तंत्र के अलग अलग तरिके से प्रयोग करना शुरू किया है। सीमी पर लाउड़ स्पिकर्स लगाकर चीनी सेना भारतीय सैनिकों को हिंदी में संदेश भेज रही है। इस दौरान आपकी इस स्थिति के लिए आपके नेता ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा है। भारतीय सेना ने भी वहां पर लाउड़ स्पिकर्स लागकर चीन को जवाब देना शुरू किया है। साथ ही लद्दाख के क्षेत्र में युद्ध करने के लिए भारतीय सेना तैयार नहीं है, भारत ने वहां पर बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है, ऐसे आरोपों पर भी भारतीय सेना मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दे रही है।

भारतीय सेना

भारतीय सेना इस क्षेत्र में युद्ध करने के लिए पुरी तरह से तैयार हैं। ऐसें क्षेत्र में युद्ध करने का पुरा अनुभव भारतीय सेना रखती हैं और भारतीय सेना ने इस युद्ध की पुरी तैयारी भी रखी हैं। ४० फिट बर्फ जमा होने से यातायात प्रभावित होने की स्थिति में भी सामान की आपुर्ति करने की कुशलता भारत रखता हैं, इस ओर पूर्व लष्करी अधिकारी ध्यान आकर्षित कर रहें हैं। तभी, दुसरीं ओर इस क्षेत्र में युद्ध करने का अनुभव और कुशलता चीन की सेना नही रखती, यह बा लगातार स्पष्ट हुई हैं। विंटर इज कमिंग, यानी ठंड़ का मौसम आ रहा हैं, यह विधान फिलहाल भारतीय लष्करी विश्‍लेषकों के जुबान पर हैं। लद्दाख की मायनस ३० से ४० सेल्सियस तापमान में चीन के सैनिक ठंड़ से जम जाएंगे, ऐसा तर्क इसके पीछे हैं। चीन को भी इस बात का एहसास हुआ हैं और चीन सैनिकों के पैर वर्तमान की ठंड़ में अभी से कांपने लगे होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

इसी कारण संभव हो उस मार्ग से भारत पर दबाव बढ़ाने की योजना पर चीन की सेना काम कर रही हैं। इसके लिए चीन की सेना ने २९-३० अगस्त के दिन और उसके बाद ७ सितंबर के दिन लद्दाख के मुखपरी में गोलीबारी करके भारतीय सेना को उकसाया था। इस दौरान दोनों ओर के सैनिकों ने लगभग १०० राउंड़स्‌ फायर किए, यह जानकारी स्पष्ट हो रही हैं। यह भारतीय सैनिकों को घबराने की चीन की और एक कोशिश थी और यह कोशिश चीन को ही मुँह के बल गिराने का कारण बनी दिखाई पड़ी हैं। नाकाम साबित हो रही चीनी सेना की हर एक कोशिश के साथ ही भारतीय सेना का आत्मविश्‍वास और मनोबल अधिक से अधिक दृढ़ हो रहा हैं।

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