भारत के विदेशमंत्री बांगलादेश के दौरे पर

ढ़ाका – भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर बांगलादेश के दौरे पर हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २६ मार्च के दिन बांगलादेश जा रहे हैं। उनके इस दौरे की पूर्वतैयारी करने के लिए बांगलादेश का यह दौरान करने की बात विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट की। अगले दो दशकों में भारत और बांगलादेश को, एक-दूसरें को बुनियादी सुविधाओं के विकास के माध्यम से मज़बूती से जोड़ने का उद्देश्‍य सामने रखना होगा, यह उम्मीद जयशंकर ने व्यक्त की है। साथ ही, बंगाल की खाड़ी के देशों की महत्वाकांक्षा को जापान जैसें देश की सहायता प्राप्त हो सकती है, इस ओर भी भारतीय विदेशमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

भारत के विदेशमंत्री

बांगलादेश के निर्माण के ५० वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २६ और २७ मार्च के दिन बांगलादेश का दौरा करेंगे। इसकी पूर्वतैयारी बड़ी जोरदार शुरू हुई है और विदेशमंत्री जयशंकर की यह बांगलादेश यात्रा भी इसी पूर्वतैयारी का हिस्सा साबित होती है। बीते ५० वर्ष के दौरान भारत-बांगलादेश के सहयोग का दौर पीछे छुटा है। अब भविष्य का विचार करके, अगले २० वर्षों के लिए उद्देश्‍य तय करने का अवसर बना है। बुनियादी सुविधाओं की विकास परियोजनाओं के ज़रिये भारत और बांगलादेश ने एक-दूसरें को मज़बूती से जोड़ने की आवश्‍यकता है। दोनों देश यह उद्देश्‍य सामने रखें, ऐसा बयान विदेशमंत्री जयशंकर ने किया।

पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देने की भारत की नीति का बांगलादेश केंद्र था। अब भारत ने अपनाई ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति में भी बांगलादेश केंद्र में हैं। बांगलादेश काफी अहम पड़ोसी और भागीदार देश होने का विश्‍वास भारत रखता है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बांगलादेश का स्थान बड़ा अहम होने का भारत का कहना है, यह बयान भी जयशंकर ने किया। भारत और बांगलादेश के इस सहयोग को जापान अधिक गति प्रदान कर सकता है। क्यों कि, जापान यह भारत और बांगलादेश का भी मित्रदेश है, यह सुझाव जयशंकर ने रखा। भारत-बांगलादेश-जापान यह त्रिसदस्यीय सहयोग स्थापित हुआ, तो बंगाल की खाड़ी का चेहरा बदलेगा, यह विश्‍वास जयशंकर ने व्यक्त किया है।

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