भारतीय सेनाबल ‘हायब्रीड’ युद्ध के लिए तैयार रहें – वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया

पुणे – मौजूदा दौर में युद्धक्षेत्र बड़ा जटिल और एक ही समय पर कई मोरचों पर चुनौती देनेवाला है और इससे काफी अनपेक्षित स्थिति का मुकाबला करना पड़ सकता है। इसी वजह से देश के रक्षाबलों को एक ही समय पर कई मोरचों पर ‘हायब्रीड’ युद्ध करने के लिए तैयार रहना होगा, यह संदेश भारत के वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.एस.के.भदौरिया ने दिया है। इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए रक्षा बलों के सामायिक प्रत्युत्तर की आवश्‍यकता है, यह कहकर, इसी लिए भारत ने रक्षाबलप्रमुख पद का निर्माण किया है, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने कहा। इसके एक दिन पहले वायुसेनाप्रमुख ने लद्दाख की ‘एलएसी’ पर वायुसेना कर रहे सामर्थ्य के प्रदर्शन की वजह से चीन की हरकतों का खतरा टला हैं, यह दावा किया था।

खड़कवासला की ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी’ (एनडीए) की ‘पासिंग आउट परेड’ के कार्यक्रम के लिए उपस्थित रहकर वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने इस समय ‘हायब्रीड’ युद्ध के लिए तैयार रहने का संदेश ‘कैडेटस्‌’ को दिया। भविष्य के लष्करी अफ़सर बनकर आपको इस बात का अहसास रखना होगा कि विश्‍वभर में हो रही राजनीतिक उथल-पुथल का सीधा असर अपने पड़ोसी देशों की सुरक्षा व्यवस्था पर होता है, यह बयान वायुसेनाप्रमुख ने यहां पर किया। साथ ही भारतीय रक्षाबलों को कई मोरचों पर उभरनेवाले ‘हायब्रीड’ खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए हमेशा सभी मोरचों पर सजगता, समर्पण, वचनबद्धता और त्याग एवं नेतृत्व की आवश्‍यकता रहती है। तीनों रक्षाबल और देश को आपसे इसी की उम्मीद हैं, इस बात का वायुसेनाप्रमुख ने एहसास कराया।

इसके बाद एअर चीफ मार्शल भदौरिया ने, रक्षाबलप्रमुख की नियुक्ति और रक्षा व्यवहार विभाग का हुआ निर्माण, यह देश में हुए रक्षा संबंधित सुधारों में ऐतिहासिक घटना होने की बात स्पष्ट की। एक दिन पहले ही वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने पड़ोसी देशों को भारत की वायुसेना के सामर्थ्य का अहसास कराया था। बीते कुछ महीनों में लद्दाख में जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, भारतीय वायुसेना ने की हुई आक्रामक तैनाती के साथ सेना की तैनाती करने के लिए सहायता करके अपनी तैयारी दिखाई है, यह बात भी वायुसेनाप्रमुख ने स्पष्ट की। भारतीय वायुसेना की इस तैनाती और आक्रामकता ने चीन को ‘एलएसी’ पर भारत के खिलाफ़ कार्रवाईयां करने से रोका है, यह सूचक बयान भी भदौरिया ने किया था। बीते कुछ महीनों में भारतीय वायुसेना ने ‘एलएसी’ पर ‘सुखोई-३०एमकेआय’, ‘जैग्वार’ और ‘मिराज-२०००’ विमानों की तैनाती की है और भारत के रफायल और तेजस विमानों ने भी सीमा पर गश्‍त की है।

साथ ही पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने किए हमले का ज़िक्र भी एअर चीफ मार्शल भदौरिया ने किया। इसके आगे भारत में हमलें करने से पहले आतंकी संगठनों को बालाकोट में हुए हमले की याद होती रहेगी, ऐसी फटकार भी वायुसेनाप्रमुख ने लगाई।

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