तीन दशकों बाद भारतीय सेना के बेडे में नए तोप दाखिल

देवळाल – तीन दशकों के अंतराल के बाद पहली बार भारती सेना के बेडे में आधुनिक तोप दाखिल हुई है| अमरिकन बनावट की ‘एम ७७७’ होवित्झर और दक्षिण कोरियन बनावट की ‘के-९’ (वज्र) यह दो तोप नाशिक के देवळाली फायरिंग रेंज में आयोजित कार्यक्रम में रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन इनके हाथों से भारतीय सेना को सौप दी गई| ‘सेना सक्षम होना, मतलब देश की सीमा सुरक्षित होना’, इन चुने शब्दों में रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन इन्होंने सेना को मिली तोपों का महत्त्व बयान किया|

भारतीय सेना को १५५ एमएम की कुल १४५ ‘एम ७७७’ होवित्झर तोप मिलेगी| इस में से पहली तोप शुक्रवार के दिन सेना के बेडे में दाखिल हुई| इस के अलावा ‘वज्र’ यह दक्षिण कोरियाई बनावट की दो तोप सेना को प्राप्त हुई|

इन तोपों की ढुलाई करने के लिये उच्च श्रेणी के ‘कंपोझिट गन टोईंग व्हेइकल’ भी सेना के बेडे में शामिल किये गये| इस समय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन इनके साथ सेनाप्रमुख बिपीन रावत और रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे और सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे|

अमरिका से खरिदी हुई होव्तिझर तोपों में से १२० तोपों का निर्माण भारत में होगा| यह तोप सटिक हमला करने के लिये पहचानी जाती है| साथ ही भार में कम यह तोप उंचाई की जगह पर सहजता से पहुंचाना मुमकिन है| यह तोप भारतीय सेना के बेडे में शामिल होने से भारतीय सेना की आक्रमकता काफी तीव्र होगी|

इसके अलावा दक्षिण कोरियाई बनावट के १०० ‘वज्र’ तोप भारत खरिदी कर रहा है| यह व्यवहार ३ हजार ३५५ करोड रुपयों का है| इन १० तोपों के पुरजे भारत में जोडे जाएंगे| लेकिन अन्य ९० तोपों का निर्माण भारत में ही होगा| शुक्रवा के दिन दो ‘वज्र’ तोप सेना के बेडे में दाखिल हुई है| इसके बाद ऐसी आठ तोप इसी महिने में सेना को मिलने की संभावना है, ऐसी जानकारी वरिष्ठ सेना अधिकारी ने दी है| २०२० तक इन तोपों का व्यवहार पूरा होगा, ऐसा भी इस अधिकारी ने कहा है|

इन तोपों की खरिदारी के विषय में २००६ से चर्चा शुरू हुई थी| लेकिन पिछले दो वर्षों में इस विषय की चर्चा गतिमान करके समझौता हुआ और अब यह तोप सेना के बेडे में दाखिल हुई है| भारतीय सेना के लिये स्वदेशी बनावट के तोप बनाने की योजना पर काम हो रहा है| यह तोप भारतीय सेना को अगले दो सालों में प्राप्त होगी, ऐसा दावा हो रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.