चीन के कर्ज में फंसे मालदीव को भारत से १.४ अरब डॉलर्स की सहायता

नई दिल्ली  – चीन ने दिए कर्जे के चंगुल में फंसे मालदीव को मुक्त करने के लिए भारत ने लगभक १.४ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है| साथ ही भारत ने मालदीव के साथ चार समझौते किए है| भारत की यात्रा पर पहुंचे मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष सोलिह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने द्विपक्षीय चर्चा की| इस चर्चा के बाद भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता करने का ऐलान किया| साथ ही दोनों देशों ने हिंदी महासागर क्षेत्र की शांति ऐवं सुरक्षा बरकरार रखने के लिए एक होकर कोशिष करने का ऐलान किया|

मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष सोलिह तीन दिन की यात्रा के लिए भारत पहुंचे है| मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष पद की शपथ ग्रहण करने के बाद केवल महीने के समय में वह भारत में दाखिल हुए है| यह उनकी पहली ही विदेश यात्रा है और इस यात्रा के साथ ही उन्होंने मालदीव की विदेश नीति स्पष्ट की है, यह दिख रहा है| भारत के लिए राष्ट्राध्यक्ष सोलिह इनका यह दौरा सन्मान का विषय साबित होता है, यह कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने राष्ट्राध्यक्ष सोलिह इनका स्वागत किया| इसके साथ ही मालदीव के लिए लगभग १.४ अरब डॉलर्स की वित्तीय सहायता देना का ऐलान भारत ने किया है|

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष यामिन इनके कार्यकाल में चीन ने मालदीव को कर्ज कें चंगुल में फंसाया था| इस चंगुल से छुटकारा पाने के लिए मालदीव की नई सरकार ने भारत से सहायता मिलने की अपेक्षा रखी थी| इसे भारत ने सकारात्मक जवाब दिया है और प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव के लिए लगभग १.४ अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता घोषित की| इस वजह से दोनों देशों के संबंध और भी दृढ होंगे| साथ ही दोनों देशों में विसा, सांस्कृतिक सहयोग, कृषी क्षेत्र से जुडे उद्योग और माहिती एवं तंत्रज्ञान क्षेत्र में सहयोग लिए समझौता हुआ|

भारत और मालदीव में सभी स्तरों पर संपर्क बढाने के लिए भारत पहल कर रहा है| साथ ही हिंदी महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए एक होकर कोशिष करने का निर्णय दोनों देशों ने किया है, इसका ऐलान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष सोलिह इनकी संयुक्त पत्रकार परिषद में की गई| उसी समय दोनों देशों के रक्षा से जुडे हितसंबंध एक-दुसरे से जुडे है और एक-दुसरे की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता दिखाने पर दोनों देशों की सहमती बनी है, यह ऐलान भी इस वार्ता परिषद में किया गया|

सागरी सुरक्षा के लिए भारत और मालदीव एक-दुसरे को सहयोग करेंगे| द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारत और मालदीव अहम कदम बढाने की तैयारी में है, यह बताकर मालदीव में भारतीय कंपनीयों को निवेश करने के लिए बडा अवसर है, यह प्रधानमंत्री मोदी ने कहा| इस दौरान, भारत और मालदीव में बन रहा यह सहयोग चीन के लिए सिरदर्द का विषय बना है| मालदीव को अपने कर्ज के चंगुल में फंसाकर इस देश का अपने सामरिक और आर्थिक हितसंबंधों के लिए इस्तेमाल करने की चीन की योजना थी| इसी लिए पूर्व राष्ट्राध्यक्ष यामिन इनके जैसे समर्थकों के हाथ मालदीव की डोर रहने की कोशिष चीन ने की थी| लकिन चीन की यह कोशिष नाकाम हुई है और चीन पर ही पलटी है| हालही में हुए चुनाव में मालदीव की जनता ने सोलिह इनके उपर विश्‍वास जताया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.