भारतीय वायुसेना आधुनिक हो रही है, वायुसेना प्रमुख अरुप रहा

भारतीय वायुसेना का ‘बहु विस्तार सामरिक दल’ में (मल्टी स्पेक्ट्रम स्ट्रॅटेजिक फोर्स) परिवर्तन हो रहा है। विश्‍व में भारत का प्रभाव बढ रहा है, और इसी के साथ भारतीय वायुसेना आधुनिक हो रही है, यह बात वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल अरूप रहा ने  कही। इस दौरान वायुसेना प्रमुख रहा ने हालं ही में थायलंड और व्हिएतनाम को भेट देकर इन देशों के साथ रक्षा सहयोग बढाने के लिये अहम कदम उठाये।airforce-1_650_100514094023

1965 साल में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को 50 साल पूरे हुए हैं। इस अवसर पर लखनऊ के ‘ला मार्टीनिअर’ महाविद्यालय में विशेष तौर पर समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह को संबोधित करते वक्त वायूसेना प्रमुख रहा ने भारतीय वायुसेना की परिवर्तन की जानकारी दी।

1965 साल के युद्ध से भारत को बहुत सीख मिली थी। 65 के युद्ध दरमियान आखाती, अमेरिका और पश्‍चिमी देशों ने पाकिस्तान को आधुनिक हाथियार, लडाकू विमाने और रडार यंत्रणा की सहायता की थी। ‘एफ 104’, ‘एफ 86 सॅबर’, ‘कॅनबरा बॉम्बर’ जैसे आधुनिक विमानों के साथ पाकिस्तान सज्ज था।

पाकिस्तान की इस सामरिक शक्ति की तुलना में भारतीय वायुसेना के काङ्गिले के विमान पुराने थे। इसके बावजूद भी भारतीय वायूसेना ने पाकिस्तान को शिकस्त दी, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने कहा। पाकिस्तान के पास आधुनिक विमाने थी। पर भारत के पास अच्छे वैमानिक थे। पुरानी यंत्रणा का अच्छी तरह से इस्तेमाल करना भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, यह वायुसेनाप्रमुख रहा ने स्पष्ट किया।

1965 के युद्ध में वायुसेना का योगदान महत्त्वपूर्ण था। इस युद्ध के साथ ही भारतीय वायुसेना की आधुनिकीकरण की प्रकिया शुरू हुई थी। इस पृष्ठभूमिपर हुए युद्ध में भारत को काफी सीख मिली, यह बात वायुसेना प्रमुख ने कही। उसके बाद 1971 और 1999 में भारतीय वायूसेना ने की कामगिरी सबको मालूम है। उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और नेपाल में हुई विपत्ति दरमियान भारतीय वायुसेना ने राहतकार्य किया था।

दरमियान, 6 सिंतबर से वायूसेनाप्रमुख अरूप रहा की थायलंड और व्हिएतनाम देशों की यात्रा शुरू हुई। भारत के ‘अ‍ॅक्ट ईस्ट’ नीति के rahaअनुसार  वायुसेनाप्रमुख का यह दौरा महत्त्वपूर्ण माना गया। कुछ महीने पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और नौसेनाप्रमुख अ‍ॅडमिरल आर.के.धवन ने थायलंड को भेट दी थी।

वायुसेनाप्रमुख ने थायलंड के रक्षामंत्री वोरापोंग संगनेत्रा की भेट लेकर रक्षा सहकार्य पर बातचीत की। अपने रक्षा सामग्री के आधुनिकीकरण के लिए थायलंड ने भारत के साथ सहयोग बढाने में उत्सुकता दिखाई। इस दौरान थायलंड के रक्षामंत्री ने बंगाल के उपसागर को लेकर दोनों देशों का सहयोग बढेगा, यह भरोसा जताया।

वायुसेनाप्रमुख रहा ने थायलंड के वायुसेनाप्रमुख त्रितोद सोनास और उपरक्षामंत्री जनरल उदोमेज सिताबत्र से मुलाकात की।

थायलंड के सहयोग बढाने के बाद वायूसेना प्रमुख अरूप रहा व्हिएतनाम पहुँचे। ‘साऊथ चायना सी’ को लेकर चीन और व्हिएतनाम में तनाव है।  व्हिएतनाम ने ‘साऊथ चायना सी’ में भारत को इंधन उत्खनन के लिए इजाजत दी है। इस पर विरोध जताने के साथ ही ‘साऊथ चायना सी’ में भारत दखल ना दे, ऐसा चीनने कहा था। चीन के विरोध के बावजूद भारत ने ‘साऊथ चायना सी’ में इंधन उत्खनन शुरू रख कर व्हिएतनाम के साथ रक्षा सहयोग बढाने पर जोर दिया। इन निर्णय के साथ ही हुई वायुसेनाप्रमुख की व्हिएतनाम यात्रा से भारत चीन के विरोध का फिक्र नही करता, यह संदेस मिलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.