‘बालाकोट’ हमलें के जरिए भारतीय वायुसेना ने अपनी क्षमता सिद्ध की – वायुसेनाप्रमुख आर.के.एस.भदौरिया

गाझियाबाद – ‘इसके आगे आतंकी हमलें बर्दाश्त नही होंगे, यह बीत बालाकोट में हवाई हमला करके भारत ने दिखाई है| भारत के राजनयिक नेतृत्व का यह निर्धार और पाकिस्तान में घुंसकर हमला करने की वायुसेना की क्षमता ‘बालाकोट’ के हमले से सिद्ध हुई है’, ऐसा वायुसेना प्रमुख आर.केएस.भदौरिया ने कहा है| वायुसेना के ८७ वें स्थापना दिन के अवसर पर वायुसेना प्रमुख ने ‘बालाकोट’ की याद दिलाई|

मंगलवार के दिन उत्तर प्रदेश के गाझियाबाद में हिंडन हवाई अड्डे पर वायुसेना के ‘सुखोई-३० एमकेआई’, ‘मिग-२९’ इन और ‘तेजस’, ‘सूर्यकिरण’ विमानों समेत ‘सारंग’, ‘अपाचे’ और ‘चिनूक’ हेलिकॉप्टर्स ने कसरतें पेश करके सभीयों का ध्यान आकर्षित किया| इस अवसर पर विंग कमांडर अभिनंदन के ‘मिग-२१ बायसन’ विमान भी हवाईं कसरतों में शामिल हुए थे और उन्हें बडा प्रतिसाद प्राप्त हुआ है| इस बार हुए समारोह में ‘बालाकोट’ पर हवाई हमला करनेवाले ‘मिराज २०००’ विमानक के स्वाड्रन को मेडल देकर सम्मानित किया गया|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना की कामयाबी की काफी सराहना की है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा ने भी भारत की वायुसेना शौर्य और धैर्य का प्रतिक है, यह कहा| वही, वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने ‘बालाकोट’ पर भारत ने किए हवाई हमलों की अहमियत काफी बडी होने की बात स्पष्ट की| आतंकी हमलों के सूत्रधारों को सजा मिलेगी, यह संदेश बालाकोट के हवाई हमलों के जरिए पडोसी देश को दिया गया है|

साथ ही भारत के राजननियक नेतृत्व का निर्धार और वायुसेना की क्षमता इस हवाई हमलों की वजह से रेखांकित हुई है, यह बात वायुसेना प्रमुख ने डटकर रखी|

‘फिलहाल भू-राजनयिक गतिविधियों पर नजर रखे तो देश की सुरक्षा के सामने काफी गंभीर चुनौती होेने का हमें एहसास होगा| ऐसे दौर में वायुसेना ने बिल्कुल तैयार होना अत्यावश्यक साबित होता है’, यह संदेश वायुसेना प्रमुख ने दिया है| इसके लिए वायुसेना के अद्ययावतीकरण की जरूरत है और इस देशा में कदम बढाए जा रहे है| इस पर वायुसेना प्रमुख ने संतोष व्यक्त किया|

लडाकू विमानों का देश में ही निर्माण करने के लिए वायुसेना आग्रही है| देशी निर्माण के ‘तेजस’ लडाकू विमानों का एक स्क्वाड्रन वायुसेना के बडे में दाखिल किया गया है| नजदिकी समय में वायुसेना के बेडे में ‘तेजस’ के अन्य पांच स्क्वाड्रन शामिल होंगे, यह जानकारी इस दौरान वायुसेनाप्रममुख ने दी है|

साथ ही ‘रफायल’ लडाकू विमान और रशिया में बने विमान एवं ‘एस – ४००’ यह मिसाइल विरोधी यंत्रणा का समावेश होने से वायुसेना की क्षमता में काफी बढोतरी होगी, यह दावा वायुसेनाप्रमुख ने किया|

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