भारत के वायुसेनाप्रमुख की चीन को कड़ी चेतावनी

बंगळुरू – भारत को धमकाने के लिए भी यदि चीन पाकिस्तान जैसे देश की सहायता लेता है, तो यह चीन की गिरावट साबित होती है। अपनी ताकत पर चीन का भरोसा नहीं रहा, यह इससे साबित होगा, ऐसी फ़टकार भारत के वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने लगाई है। उसी समय, चीन भारत के साथ संघर्ष छेड़ने की गलती नहीं करेगा। लेकिन यदि वक्त आया, तो भारत एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए सिद्ध है, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने फिर एक बार डटकर कहा है।

वायुसेनाप्रमुख

बंगळुरू में एरो इंडिया के उपलक्ष्य में माध्यमों के साथ संवाद करते हुए वायुसेनाप्रमुख ने, चीन से रहने वाले ख़तरों पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दर्ज की। क्या भारतीय वायुसेना चीन जैसे ताकतवर देश से टक्कर ले सकती है? इस सवाल के जवाब में वायुसेनाप्रमुख ने, इसमें कोई शक नहीं है, ऐसा डटकर कहा। वायुसेना के साथ ही देश के तीनों रक्षा बलों के पास चीन का सामना करने की पूर्ण क्षमता है और इस मामले में कोई भी संदेह नहीं है, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया।

चीन पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाकर भारत को दो मोरचों पर युद्ध में खींचेगा, ऐसी गहरी संभावना सामरिक विश्‍लेषक तथा पूर्व लष्करी अधिकारियों द्वारा जताई जाती है। चीन का सरकारी मुखपत्र होने वाले ग्लोबल टाईम्स ने वैसी धमकियां भी भारत को दी थीं। खासकर लद्दाख की एलएसी पर गलवान वैली में हुए संघर्ष के बाद, चीन भारत को पाकिस्तान और नेपाल की सीमाओं पर उलझाने की चेतावनियाँ देने लगा था। इस पृष्ठभूमि पर, वायुसेनाप्रमुख ने चीन को जबरदस्त फटकार लगाई है।

भारत को मात देने के लिए यदि चीन पाकिस्तान जैसे देश के साथ हाथ मिलाता है, तो वह चीन के लिए गिरावट साबित होगी। खुद को लष्करी दृष्टि से सामर्थ्यशाली मानने वाले देश को, दूसरे देश को धमकाने के लिए भी यदि तीसरे देश का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, तो आप कमज़ोर हो, ऐसा उसका अर्थ होता है, ऐसी फटकार वायुसेनाप्रमुख ने लगाई। ऐसा होने के बावजूद भी, भारत एक ही समय पर चीन और पाकिस्तान के मोरचों पर युद्ध के लिए सिद्ध है, ऐसा यकीन वायुसेनाप्रमुख भदौरिया ने दिलाया।

वायुसेना के बेड़े में ११ रफायल विमान आ चुके हैं। साथ ही, सुखोई-३० एमकेआय विमानों की संख्या भी बढ़ती चली जा रही है। उसी समय, तेजस का दूसरा स्क्वाड्रन तैयार हो रहा है। इस कारण अब वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या कम नहीं होगी बल्कि वह बढ़ती चली जाएगी, ऐसा विश्वास वायुसेनाप्रमुख ने व्यक्त किया है। इतना ही नहीं बल्कि आने वाले समय में तेजस विमानों के ३० स्क्वाड्रन वायुसेना के बेड़े में सहभागी करा लेने का विचार है, ऐसा वायुसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया।

फिलहाल लद्दाख की एलएसी पर तनाव कायम है, यह भी वायुसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया। इस क्षेत्र में चीनी यदि अधिक तैनाती की, तो भारत भी अधिक तैनाती करके उसका जवाब देगा। लेकिन यदि चीन यहां का तनाव कम करने के लिए गतिविधियां शुरू करता है, तो भारत भी उसे सकारात्मक प्रतिसाद दिए बगैर नहीं रहेगा, ऐसा भी वायुसेनाप्रमुख ने कहा है। इस कारण, एलएसी पर चीन संघर्ष चाहता है अथवा सौहार्द, वह चीन पर ही पूरी तरह निर्भर है, इस पर वायुसेनाप्रमुख ने गौर फरमाया है ।

हाल ही में घोषित किए गए बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों पर भी वायुसेनाप्रमुख ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की। कोरोना के संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर तनाव बना है और ऐसी स्थिति में भी रक्षा खर्च में की गई २०% की बढ़ोतरी यह बहुत बड़ी बात है, ऐसा कहकर वायुसेनाप्रमुख ने उस पर संतोष जाहिर किया।

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