लद्दाख के निकट चीन की सेना की हरकतें – भारत कडी नजर रखकर है

लद्दाख: लद्दाख के डेमचोक की नियंत्रण रेखा के निकट चीन की सेना रास्ते का निर्माण कर रही है| इस निर्माण कार्य पर हम कडी नजर रखकर है, यह जानकारी भारतीय सेना ने दी है| साथ ही नियंत्रण रेखा के निकट भारतीय सेना ने भी रास्ते का निर्माण कार्य शुरू किया है, यह बताया जा रहा है| ‘डोकलाम’ विवाद के बाद चीन के निकट की सीमा संवेदनशील बनी है और भारत इस संबंध में किसी भी प्रकार का खतरा उठाने को तैयार नही है, यह दिख रहा है| इसी पृष्ठभूमि पर लद्दाख से प्राप्त हुए इस समाचार की अहमियत बढी है|

इसके पहले चीन के सैनिकों ने कई बार लद्दाख में घुसपैठ करने की कोशिश की थी| लेकिन, भारतीय सेना ने समय समय पर चीन की इन सैनिकों को रोका था| चीन की घुसपैठ भारत की चिंता का विषय बना था| भारतीय सीमा के निकट चीन बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कर रहा है और यह भारत के विरोध में सामरिक तैयारी समझी जा रही है| इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेकर भारत ने भी चीन की सीमा के निकट बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शुरू किया था| इसमें रास्तों का निर्माण और ‘एअर स्ट्रिप’ का निर्माण करने पर जोर दिया गया?था|

फिलहाल जम्मू-कश्मीर में लद्दाख के निकट की नियंत्रण रेखा के निकट चीन ने रास्तों का काम शुरू किया है| चीन की सेना से हो रहे इस काम की ओर भारतीय सेना कडी नजर रखकर है| सेना अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी| लेकिन, इस से जुडी अधिक जानकारी नही दी| डेमचोक के निकट चीन का यह निर्माण कार्य शुरू है, फिर भी भारत के सीमा भी इसी तरह का निर्माण कार्य हो रहा है| ऐसी घटना हमेशा होती है, यह कहकर लष्करी अधिकारी ने इस घटना को अधिक अहमियत देने से इन्कार किया| लेकिन, नियंत्रण रेखा के निकट चीन सेना की हर एक गतिविधी की ओर भारतीय सेना बारीकी से नजर रखकर होने की बात इससे स्पष्ट हुई|

वर्ष २०१७ में ‘डोकलाम’ में भारत-चीन सेना एक दुसरे के सामने खडी थी| भारत, चीन और भूटान इन तिनों देशों की सीमा डोकलाम में एक दुसरे से मिलती है| इस जगह पर चीन के सैनिकों ने रास्ते का निर्माण शुरू किया था| लेकिन, भारतीय सेना ने इसपर आपत्ति जताकर यह काम बंद करवाया था| इस से दोनों देशों में युद्ध शुरू होने की संभावना जताई जा रही थी|

ऐसे में युद्ध हुआ तो भारत को वर्ष १९६२ से भी खराब हार का सामना करना होगा, यह धमकी चीन ने दी थी| लेकिन, भारत ने चीन की इस धमकी पर किमत दिए बिना डोकलाम में अपनी तैनाती बढाई थी| आखिरकार इस विवाद में चीन को पीछे हटना पडा था|

इस अपमान के बाद चीन अगले समय में ‘डोकलाम’ विवाद का बदला लेने की कोशिश करेगा, यह चेतावनी पश्‍चिमी विश्‍लेषकों ने दी थी| इसी लिए सीमा के निकट चीन की गतिविधियों पर भारतीय सेना बारिकी से नजर रख रही है|

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