भारत-अमरीका ‘युद्ध अभ्यास’ की हुई शुरूआत

बिकानेर – २७० अमरिकी सैनिक, टैंक, सेना की बख्तरबंद गाड़ियां, हेलिकॉप्टर्स के समावेश वाला भारत और अमरीका का ‘युद्ध अभ्यास’ नामक युद्धाभ्यास सोमवार से शुरू हुआ। राजस्थान स्थित सुरतगड़ में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है। अगले दो हफ्तों तक यह युद्धाभ्यास जारी रहेगा। राजस्थान के रण में बीते दो महीनों में हो रहा यह दूसरा युद्धाभ्यास है। इससे पहले भारत और फ्रान्स की सेनाओं ने ‘पासेक्स’ युद्धाभ्यास किया था।

war-exercise-us-indiaवर्ष २००४ में भारत और अमरीका की सेनाओं ने ‘युद्ध अभ्यास’ की शुरूआत की थी। सालाना होनेवाले इस युद्धाभ्यास का वर्तमान में १६वां वर्ष है। बीते वर्ष इस युद्धाभ्यास का आयोजन अमरीका के सिटल में स्थित लष्करी अड्डे पर किया गया था। आतंकवाद विरोधी कार्रवाई एवं अन्य अंगों का इस युद्धाभ्यास के दौरान अभ्यास किया जाता है। कोरोना वायरस की पृष्ठभूमि पर सभी कार्यक्रमों के तय समय में बदलाव हो रहे हैं और इसके बावजूद इस सालाना युद्धाभ्यास के समय में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। ‘युद्ध अभ्यास’, भारत और अमरीका के बीच होनेवाला सबसे बड़ा लष्करी प्रशिक्षण और अभ्यास समझा जाता है।

war-exercise-us-indiaसेना के १७० इन्फंट्री ब्रिगेड़ के कमांडर ब्रिगेडिअर मुकेश भानवाला के नेतृत्व में भारतीय सैनिक इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं विचारों का आदान-प्रदान, संकल्पना और लष्करी युद्धाभ्यास पर जोर देंगी, यह जानकारी भारतीय सेना के प्रवक्ता लेफ्टनंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने प्रदान की। द्विपक्षीय लष्करी सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए, एक दूसरे की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्‍य से इस युद्धाभ्यास की ओर देखा जा रहा है।

इस युद्धाभ्यास के लिए अमरिकी सैनिकों के साथ ग्लोबमास्टर विमान एवं अमरिकी सेना के ‘स्ट्राइकर’ बख्तरबंद गाड़ियां भी राजस्थान में दाखिल हुई हैं। वहीं, भारत के रुद्र, एमआय-१७ और चिनूक हेलिकॉप्टर्स एवं ‘बीएमपी-२’ लष्करी गाड़ियां इस युद्धाभ्यास में शामिल होती दिखाई देंगी। इस युद्धाभ्यास में भारत के कितने सैनिक शामिल होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन, इस युद्धाभ्यास की वजह से भारत और अमरीका के लष्करी संबंध अधिक मज़बूत होंगे, यह दावा किया जा रहा है।

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