भारत और अमरिका के हितसंबंध एकदूसरे के लिए पूरक हैं – अमरिका के जेष्ठ मुत्सदी हेनरी किसिंजर

वॉशिंग्टन: अमरिका की विदेश नीति के शिल्पकार के तौर पर पहचाने जाने वाले जेष्ठ मुत्सदी नेता हेनरी किसिंजर ने भारत ने अपनाई नीति की तारीफ की है। साथ ही भारत और अमरिका के हितसंबंध एक दुसरे के लिए पूरक होने की बात स्पष्ट की है। इसीलिए दोनों देशों के बीच संबंद दृढ करने के लिए विशेष कोशिश नहीं करनी पड़ेगी, पहले से ही ऐसे संबंध अस्तित्व में हैं, ऐसा दावा किसिंजर ने किया है।

भारत, अमरिका, हितसंबंध, जेष्ठ मुत्सदी, हेनरी किसिंजर, वॉशिंग्टन, कार्यक्रम मीडिया‘यूएस इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) वॉशिंग्टन में पूरी हुई है। इस दौरान कई मान्यवरों के साथ साथ जेष्ठ मुत्सदी किसिंजर का भी व्याख्यान हुआ। यह कार्यक्रम मीडिया के लिए खुला नहीं था। लेकिन इस कार्यक्रम का तपशील यूएसआईएसपीएफ की तरफ से दिया गया है। इस कार्यक्रम में किसिंजर ने भारत और अमरिका के संबंध को अधोरेखित किया है। दोनों देशों के मूल्य और सैद्धांतिक भूमिका एकसमान है, इसका एहसास किसिंजर ने कराके दिया है।

साथ ही किसिंजर ने भारत ने अपनाई नीतियों की तारीफ करने की खबर है। ‘जब मै, भारत के बारे में सोचता हूँ, तब मुझे उसकी तारीफ करने का मन करता है’, ऐसा किसिंजर ने कहा है। भारत और अमरिका के संबंध के बारे में बोलते समय किसिंजर ने दोनों देशों के हितसंबंध एक दूसरे को पूरक होने का सूचक विधान किया है। लेकिन उनकी इस विधान के बारे में अधिक तपशील अभी तक खोला नहीं गया है। लेकिन भारत और अमरिका दोनों प्रजातंत्रवादी देश हैं और उस वजह से दोनों देशों के बीच स्वाभाविक सहकार्य की संभवना है, ऐसा किसिंजर ने सुझाव दिया है।

भारत और अमरिका के सुरक्षा विषयक हितसंबंध चीन के बढ़ते प्रभाव की वजह से खतरे में आने का दावा लगातार किया जाता है। इस पृष्ठभूमि पर किसिंजर ने किया हुआ यह विधान बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होता है। दौरान, यूएसआईएसपीएफ की बैठक में भारत और अमरिका के बीच का व्यापार १२५ अरब डॉलर्स तक पहुँचने की बात कहकर उस पर विशेषज्ञों ने समाधान व्यक्त किया है। लेकिन इस व्यापार में अधिक बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता है और दोनों देश इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएंगे, ऐसा दावा यूएसआईएसपीएफके अध्यक्ष जॉन चेंबर्स बे किया है। दोनों देश एकदूसरे पास के रोजगार निर्माण को बढ़ाकर ज्ञान संपदा का हस्तांतरण और शिक्षा का स्वीकार करेंगे, ऐसा चेंबर्स ने विश्वास जताया है। दोनों देशों के बीच के सहकार्य का यह मॉडल भविष्य के लिए आदर्श साबित होगा।

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