इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत-अमरिका के समान हितसंबंध – अमरिकी विदेश मंत्रालय का दावा

न्यूयॉर्क – इंडोपैसिफिक क्षेत्र में भारत और अमरिका का सहयोग समान ध्येय और उद्देश्य पर आधारित है| इस क्षेत्र में दोनों देशों के हितसंबंध समान है और इसमें किसी भी प्रकार का विवाद नही बन सकता, ऐसा बयान अमरिका के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर ने डटकर किया है| इस समुद्री क्षेत्र में यातायात की आजादी, अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन और आतंकवाद विरोधी सहयोग इन तीन मुद्दों पर भारत और अमरिका की भूमिका समान है, इशका एहसास इस अमरिकी अफसर ने कराया|

कुछ दिन पहले नई दिल्ली में हुईरायसेना डायलॉगइस सुरक्षा संबंधि परिषद में रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह नेक्वाडसहयोग एवं अमरिका की इंडोपैसिफिक संबंधित नीति पर चिंता जताई थी| इंडोपैसिफिक क्षेत्र में भारत, अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन देशों के सहयोग कोक्वाडकहा जाता है| यह सहयोग और अमरिका की इस क्षेत्र की नीति चीन को रोकनेवाली ही है, यह दावा रशियन विदेशमंत्री ने किया था

साथ ही अमरिका ने अपनी एशियापैसिफिक कमांड का नाम बदलकरइंडोपैसिफिककिया, इस पर भी आपत्ति जताकर रशियन विदेशमंत्री ने यह बदलाव चीन को रोकने के लिए ही होने का आरोप किया| भारत ऐसे सहयोग से दूर रहे, यह सलाह भी लाव्हरोव्ह ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया विभाग के सहायक उपमंत्री जोनाथन हेनिक ने अमरिका का पक्ष रखा| रशियन विदेशमंत्री की आपत्ति ठुकराकर हेनिक ने भारत और अमरिका का सहयोग किसी के भी विरोध में होने के बजाए विधायक एवं सकारात्मक होने का बयान किया| किसी भी देश ने इस सहयोग से दूर रहने की जरूरत ही नही, बल्कि इसमें शामिल होना आवश्यक है, यह भी जोनाथन ने आगे कहा|

अमरिकी विदेश मंत्रालय की पूर्व एशिया और पैसिफिक क्षेत्र की सहायक उपमंत्री वॉल्टर डग्लस ने भीइंडोपैसिफिकक्षेत्र संबंधित अमरिका की कल्पना स्पष्ट की| यह विचार किसी भी देश के विरोध में नही है, यह भी डग्लस ने डटकर स्पष्ट किया| पर, इस क्षेत्र में चीन का दबंग रवैया बर्दाश्त करना संभव नही और यहां पर अंतरराष्ट्रीय कानून का अमल हो, यही अमरिका का आग्रह होने के संकेत हेनिक और डग्लस ने दिए है|

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