संयुक्त राष्ट्रसंघ की निर्णयप्रक्रिया में अब होगा भारत का सहभाग

शांतिमुहिम के लिए सबसे अधिक सैनिक भेजनेवाले भारत की माँग को संयुक्त राष्ट्रसंघ की मान्यता

un-india

संयुक्त राष्ट्रसंघ की मुहिम के लिए सर्वाधिक सेना भेजनेवाले भारत की माँग को संयुक्त राष्ट्रसंघ ने मंज़ुरी दे दी है। जो देश संयुक्त राष्ट्रसंघ की मुहिम के लिए अधिक प्रमाण में सैनिक रवाना करते हैं, ऐसे देशों को निर्णयप्रक्रिया में स्थान मिलना चाहिए, ऐसी भारत की माँग थी। इस माँग को संयुक्त राष्ट्रसंघ के द्वारा मंज़ुरी दी गयी होने के कारण, आनेवाले समय में भारत को इस बाबत की निर्णयप्रक्रिया में अहम स्थान मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यत्व के सबसे प्रबल दावेदार रहनेवाले भारत को मिला यह लक्षणीय यश साबित हो रहा है।

United-Nations-Logo

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्यत्व प्राप्त करने के लिए भारत प्रयास कर रहा है। दुनियाभर के प्रमुख देशों ने इसके लिए भारत को समर्थन दिया है। लेकिन कालबाह्य साबित हुए पेचिंदा नियमों के कारण भारत को अभी तक सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्यत्व नहीं मिल सका है।  संयुक्त राष्ट्रसंघ की शांतिमुहिमों के लिए सबसे अधिक सेना भेजनेवाला देश, ऐसी भारत की पहचान बन गयी है। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देश भी इतने बड़े पैमाने पर शांतिसेना के लिए अपने सैनिक नहीं भेजते। इस पार्श्वभूमि पर, संयुक्त राष्ट्रसंघ की निर्णयप्रक्रिया में हमें स्थान नहीं मिलता, ऐसी तक़रार भारत ने की थी।

जो देश शांतिसेना के लिए अपने जवान भेजते हैं, उन्हें निर्णयप्रक्रिया में अहम स्थान मिलना चाहिए, इस भारत की माँग को संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने मंज़ूर कर दिया है। १५ देशों की सुरक्षा परिषद ने गुरुवार को इस संदर्भ में निवेदन जारी किया है। शांतिमुहिम के लिए अपने सैनिक भेजनेवाले देशों को निर्णयप्रक्रिया में सहभागी कर लेना लाभदायी साबित होगा, यह इस निवेदन में सुरक्षा परिषद ने मान्य किया है। भारत द्वारा की गयी माँग को मिला यह प्रतिसाद बहुत ही महत्त्वपूर्ण साबित होने के साथ साथ, संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के बढ़ते हुए प्रभाव को दर्शा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.