भारत का सामरिक महत्त्व बढा – अमरिका, रशिया और ब्रिटेन के साथ भारतीय रक्षा दलों का युद्धाभ्यास

नवी दिल्ली – एक साथ अमरिका, रशिया और ब्रिटेन जैसे प्रमुख देशों के साथ भारतीय रक्षा दलों का युद्धाभ्यास शुरू है| इस में अमरिका के साथ ‘कोप इंडिया’ यह हवाई अभ्यास, रशिया के साथ ‘इंद्रा नेव्ही २०१८’ और ब्रिटेन के नौसेना के साथ ‘एक्सर्साईझ कोंकन’ इन युद्धाभ्यास का समावेश है| इस का बडा लाभ भारतीय रक्षा दलों को होगा और इसमें से भारत का सामरिक महत्त्व फिर से रेखांकित हो रहा है|

पश्‍चिम बंगाल के कलाईकुंड हवाई अड्डे के निकट अमरिकी और भारतीय वायु सेना का युद्धाभ्यास शुरू हुआ है| इस युद्धाभ्यास में अमरिका के ‘एफ-१५ इगल्स’ और भारत के ‘मिराज २०००’ एवं ‘एसयू ३० एमकेआई फ्लैंकर’, ‘जग्वार’ और ‘ए ५० अवैक्स रडार’ से लैस विमान शामिल हुए है| यह युद्धाभ्यास १५ दिसंबर तक शुरू रहेगा, ऐसा कहा गया है| भारत के पूर्वीय क्षेत्र में शुरू यह युद्धाभ्यास काफी अहम है| चीन के नजदिकी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी कलाईकुंड हवाई अड्डे पर है| इस क्षेत्र में अमरिकी वायुसेना के साथ भारत ‘कोप इंडिया २०१९’ युद्धाभ्यास शुरू है|

भारत और अमरिका ने २००२ में संयुक्त लष्करी अभ्यास करने का निर्णय किया था| इसके बाद हर दो साल बाद दोनों देशों के संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है| अमरिका के साथ यह हवाई युद्धाभ्यास शुरू है तभी भारतीय नौसेना रशिया के साथ ‘इंद्रा नेव्ही २०१८’ यह युद्धाभ्यास कर रही है| विशाखापट्टणम् में शुरू इस नौसेना के युद्धाभ्यास में रशिया की तीन युद्धपोत शामिल हुई है| वही भारत की छह युद्धपोत, एक पनडुब्बी और दो गश्ती विमान, लडाकू हॉक विमान और हेलिकाप्टर इस युद्धाभ्यास में योगदान दे रहे है|

यह युद्धाभ्यास भारत और रशिया के दरमियान नियमित रूप से होने वाले युद्धाभ्यास का हिस्सा है, यह बताया जाता है| यह युद्धाभ्यास १६ दिसंबर तक शुरू रहेगा, ऐसी जानकारी दी गई है|

ब्रिटेन की ‘एचएमएस ड्रॅगन’ यह युद्धपोत और भारतीय नौसेना की ‘आईएनएस कोलकाता’ यह युद्धपोत गोवा के ‘मारमा गोवा’ में ‘एक्सर्साईझ कोंकन’ युद्धाभ्यास में शामिल हुई है| इन युद्धाभ्यास की सहायता से भारतीय रक्षा दलों की क्षमता में बढोतरी होगी और इसका लाभ आने वाले समय में भारत को होगा, यह विश्‍वास व्यक्त हो रहा है| एक ही समय पर अमरिका, रशिया और ब्रिटेन जैसे देशों के साथ भारत कर रहे यह युद्धाभ्यास भारत का सामरिक महत्त्व बडी मात्रा में बढा है, यह संदेश पूरे विश्‍व को दे रहे है|

निकट के समय में हिंदी महासागर क्षेत्र और पैसिफिक महासागर क्षेत्र की गतिविधियों को सबसे अधिक महत्त्व होगा, यह ध्यान में रखकर अमरिका इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढा रही है, यह दिख रहा है| इल वजह से भारत का सामरिक और राजनीतिक महत्त्व बडी मात्रा में बढा है और इन युद्धाभ्यास के कारण यह महत्त्व फिर से सामने आ रहा है|

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