भारत और श्रीलंका को आतंकवाद का एक समान खतरा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोलंबो – ‘आतंकवाद से भारत और श्रीलंका को एक समान खतरा है| इसका सामना करने के लिए दोनों देशों को एकता के साथ कोशिश करनी होगी’, यह निवेदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्होंने किया| रविवार के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की यात्रा की| श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए भयंकर आतंकी हमले के बाद इस देश की यात्रा कर रहे प्रधानमंत्री मोदी पहले राष्ट्रप्रमुख है| इस आतंकी हमले के झटके से श्रीलंका उभरेगी, आतंकवाद श्रीलंका को परास्त कर नही सकता| इस मोर्चे पर भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खडा रहेगा’, यह वादा प्रधानमंत्री मोदी इन्होंने इस यात्रा के दौरान किया|

मालदीव की यात्रा पूरी करके प्रधानमंत्री मोदी रविवार के दिन श्रीलंका पहुंचे| श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानंमत्री रानील विक्रमसिंघे इनसे प्रधानमंत्री मोदी ने भेंट की| अप्रैल महीने में श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमलों में २९० से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी| ईसी पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की यात्रा की है| इस यात्रा के जरिए आतंकवाद के विरोध में एकता बनाने के लिए हमारी नीति में सबसे अधिक अहमियत होने की बात भारत ने दिखाई है|

आतंकवादी हमला हुए कोलंबो के चर्च को भी प्रधानमंत्री मोदी ने भेंट दी| आतंकवाद से भारत और श्रीलंका को खतरा होने की बात राष्ट्राध्यक्ष सिरिसेना इन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बैठक में कही थी| इस विधान का समर्थन करके प्रधानमंत्री मोदी ने इस खतरे का दोनों देशों ने एकता के साथ सामना करना होंगा, यह निवेदन किया| आतंकवाद श्रीलंका को परास्त नही कर सकता, य कहकर श्रीलंका की सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए भारत कटिबद्ध है, यह प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया| इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष राजपक्षे से भी भेंट की|

वही, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंध और सहयोग पर बातचीत की| इस दौरान शनिवार के दिन मालदीव की संसद को संबोधित करते समय भी प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का पुरस्कार कर रहे देशों पर कडे शब्दों में प्रहार किया था| ‘आतंकियों के पास हथियारों का निर्माण करनेवाले कारखाने नही है| आतंकियों का खुद का अपना आय का साधन नही है| फिर भी उन्हें हथियार और पैसे की कमी नही होती| इसका कारण क्या है, इस पर गंभीरता से विचार करने का यही समय है’, यह फटकार भी प्रधानमंत्री मोदी ने लगाई|

आतंकियों को किसी एक देश से प्राप्त हो रही सहायता यह पूरे विश्‍व के लिए खतरनाक बात साबित हो रही है| गलत और अच्छे आतंकी यह फरक करके कुछ लोग आतंकवाद की समस्या पर बुद्धीभेद करने की कोशिश कर रहे है’, यह आलोचना उन्होंने की| पाकिस्तान के नाम का जिक्र किए बिना प्रधानमंत्री ने की इस आलोचना की गुंज उठ रही है|

पाकिस्तान की आतंकी निति को लक्ष्य करते समय प्रधानमंत्री ने मालदीव में अपने भाषण में अप्रत्यक्ष तरीके से चीन की नीति पर भी आलोचना की| भारत और मालदीव के संबंध बराबरी के रहेंगे’, यह वादा करके प्रधानमंत्री ने भारत को अपने पडोसी देशों पर हुकूमत करने की इच्छा नही है, यह स्पष्ट किया|

भारत अपने आर्थिक, सियासी एवं लष्करी प्रभाव का इस्तेमाल करके छोटे पडोसी देशों का शोषण कभी भी नही करेगा, यह भरोसा दिलाकर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और चीन की निती में होने वाला फरक स्पष्ट करके दिखाया|

साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए भारत कटिबद्ध होने की बात कहकर प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में चीन के एकाधिकार को भारत का विरोध रहेगा, यह संदेश दिया है| समर्थ और समृद्ध भारत सीर्फ दक्षिणी एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र ही नही, बल्कि पुरी दुनिया में शांति, विकास और सुरक्षा का आधार होगा, यह कहकर प्रधानमंत्री ने भारत अपनी क्षमता विधायक और सकारात्मक नजरिए से इस्तेमाल करेगा, यह संकेत दिए|

Leave a Reply

Your email address will not be published.