‘कॉमनवेल्थ’ की बैठक में जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा उपस्थित करनवाले पाकिस्तान को भारत ने लगाई फटकार

नई दिल्ली – अंतरराष्ट्रीय रंगमंच पर जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा उपस्थित कर रहे पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी को भारत ने सख्त बोल सुनाए हैं। कश्‍मीर नहीं, बल्कि अब सिर्फ “पीओके” के मुद्दे पर ही चर्चा होगी। पड़ोसी देश को आज या कल इस क्षेत्र पर किया हुआ अवैध कब्ज़ा छोड़ना ही होगा, ऐसे तीखे शब्दों में भारत ने पाकिस्तान के नाम का ज़िक्र किए बिना उसे फटकार लगाई है।

बुधवार के दिन कॉमनवेल्थ देशों की विदेशमंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्‍चिम) विकास स्वरूप उपस्थित थे। पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस रंगमंच पर भी जम्मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर रोना रोया। इस पर भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद, अल्पसंख्यांकों पर हो रहे अत्याचार और किए गए अवैध कब्जे के मुद्दों पर बिल्कुल आड़े हाथों लिया।

आतंकवाद का प्रायोजक कौन है, यह पूरे विश्‍व को ज्ञात है। लेकिन, वह देश स्वयं को ही आतंकवाद का शिकार बताता रहता है। आतंकियों का आश्रयस्थान यही जिसकी पहचान है, उस देश में बड़ी मात्रा में आतंकी मौजूद होने की बात संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने भी स्वीकार की है, इन शब्दों में स्वरूप ने पाकिस्तान पर आलोचना की गई।

दक्षिणी एशिया का एक देश एकतरफा नीति को अलग अलग रंगमंचों पर पेश करने की बेबस कोशिश करता रहता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि, कॉमनवेल्थ की बैठक को भी इस देश ने छोड़ा नहीं है। लेकिन, अपने देश में ४९ वर्ष पहले हुए नरसंहार के मुद्दे पर एक शब्द भी यह देश बोलता नही है, ऐसे कड़े शब्दों में भारत ने पाकिस्तान पर प्रहार किया। यह देश अपने ही नागरिकों की हत्या कर रहा है, यह कहकर स्वरूप ने पाकिस्तान पर कड़ी आलोचना की।

विश्‍व कोरोना वायरस के संकट का मुकाबला कर रहा है लेकिन, यह देश अपने ही देश में अल्पसंख्यांकों के विरोध में कार्रवाई करने में व्यस्त है, ऐसी टिप्पणी स्वरूप ने की। दूसरे देशों को अल्पसंख्यांकों का सम्मान करने का उपदेश देनेवाला देश स्वयं अपने देश में अल्पसंख्यांकों के अधिकार पैरों तले कुचल रहा है, यह आलोचना भी स्वरूप ने की।

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