सीमापार के आतंकवाद पर कार्रवाई करते समय भारत समझौता ना करे – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – सीमापार से आतंकवाद का मुकाबला करते समय भारत ने किसी भी तरह से समझौता करने की आवश्‍यकता नहीं है, यह संदेश विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया है। पाकिस्तान के मंत्री ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर कबुलनामा दिया है और इसके बाद भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने यह बयान करके पाकिस्तान को चेतावनी दी है। साथ ही पड़ोसी देशों को भारत से सहयोग करना है तो आतंकवाद का समर्थन करना छोड़ना होगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया।

समझौता

पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद ही अपनी अधिकृत नीति होने की बात खुलेआम स्वीकार की है और इस नीति का उन्होंने समर्थन भी किया है, यह आरोप विदेशमंत्री जयशंकर ने दो सप्ताह पहले ही किया था। इस वजह से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य होना काफी कठिन होने की बात विदेशमंत्री जयशंकर ने स्पष्ट की थी। ऐसे में दो दिन पहले ही पाकिस्तान के मंत्री ने अपनी संसद में ही बीते वर्ष ४० भारतीय सैनिकों की हत्या करनेवाले पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात कबूल की थी। इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर जयशंकर ने एक कार्यक्रम में संबोधित करते समय पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद पर हमला किया।

‘सीमापार का आतंकवाद भारत के लिए चुनौती है और इस आतंकवाद के विरोध में भारत किसी हिचकिचाहट के बिना कार्रवाई करे। पड़ोसी देशों को भारत के साथ सहयोग स्थापित करना है तो व्यापार पर भी आधारित हो। लेकिन, आतंकवाद को अपनी अधिकृत नीति माननेवाले देशों के साथ ऐसा सहयोग हो ही नहीं सकता’, यह बात विदेशमंत्री जयशंकर ने ड़टकर कही। इस दौरान विदेशमंत्री ने पाकिस्तान का सीधा ज़िक्र करना टाल दिया। बीते दस दिनों में भारत के विदेशमंत्री ने पाकिस्तान के आतंकवाद का समर्थन करनेवाली नीति को लक्ष्य किया है और शनिवार के दिन किए अपने भाषण में इस आतंकवाद को दया न दिखाने का ऐलान करके विदेशमंत्री ने बड़े संकेत दिए हैं।

बीते सप्ताह में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी भारत के लिए जहां पर खतरा निर्माण होगा वहां पर हमला किए बिना भारत नहीं रहेगा, यह इशारा दिया था। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दिए इस इशारे से पाकिस्तान के विश्‍लेषकों को सदमा पहुँचा है। अगले दिनों में भारत हम पर हमला किए बिना या पाकिस्तान के टुकड़े किए बिना नहीं रहेगा, यह ड़र भी पाकिस्तान में व्यक्त किया जा रहा था। ऐसी स्थिति में भारतीय विदेशमंत्री ने चुनिंदा शब्दों में सीमापार के आतंकवाद के विरोध में आवश्‍यक कार्रवाई संबोधित किए बयान की अहमियत बनती है।

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