भारतसमेत ‘कमोव्ह’ हेलिकॉप्टर्स के संयुक्त निर्माण को रशिया की मंज़ुरी

नई दिल्ली, दि. ६: ‘कमोव्ह-२२६टी’ इस रशियन निर्मित लडाकू हेलिकॉप्टर्स का निर्माण भारत में करने के लिए संयुक्त प्रकल्प को रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने मंज़ुरी दी है| पिछले पाँच महीनों से इस संदर्भ में भारत और रशिया के बीच चर्चा शुरू थी| लगभग छह हज़ार करोड़ रुपयों के समझौते के तहत, रशिया भारत को २०० ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स उपलब्ध करा देगा| इनमें से १०० हेलिकॉप्टर्स का निर्माण हिंदुस्थान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (हल) के सहयोग से भारत में हो जायेगा|

पिछले साल अक्तूबर महीने में गोवा में ब्रिक्स परिषद संपन्न हुई थी| इसी दौरान भारत-रशिया की वार्षिक परिषद का भी आयोजन किया गया था| इस परिषद में प्रधानमंत्री मोदी और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के बीच हुई चर्चा के बाद ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स के संदर्भ में घोषणा की गयी थी| भारत को दिये गये २०० ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स का निर्माण भारत में करने के संदर्भ में एक प्राथमिक समझौता इस दौरान हुआ था| इसके बाद दोनो देशों के बीच इस संदर्भ में चर्चा शुरू हुई|

इस हेलिकॉप्टर्स की कीमत और तकनीक हस्तांतरण, इन मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच पिछले पाँच महीनों से बातचीत शुरू थी| यह चर्चा कुछ दिन पहले ही संपन्न हुई| इनके बाद भारत में हेलिकॉप्टर्स के निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए रशियन राष्ट्राध्यक्ष से मंज़ुरी आवश्यक थी| हाल ही में, रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इसके लिए संयुक्त प्रकल्प शुरू करने हेतु मंज़ुरी दे दी, ऐसे रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा|

रशिया भारत को दे रहे ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स का पूरा व्यवहार ६ हज़ार करोड़ रुपयों का (१ अरब डॉलर्स) है| एक कुमाव्ह हेलिकॉप्टर भारत को ३२ करोड रुपये में मिलेगा और २०० में से ६० हेलिकॉप्टर्स का रशिया में निर्माण होगा| वहीं, ४० हेलिकॉप्टर्स का सिर्फ गठन भारत में होगा| अन्य १०० हेलिकॉप्टर्स का निर्माण ‘हल’ के सहयोग से भारत में की जायेगा|

एक आँकड़ेवारी के अनुसार, भारतीय रक्षा दल को कम वजन के करीबन ८०० हेलिकॉप्टर्स की जरूरत है| भारतीय रक्षा दल के ताफे में होनेवाले ‘चीता’ और ‘चेतक’ नामक हेलिकॉप्टर्स पुराने हो जाने के कारण वे ख़ारिज़ होने की कगार पर हैं| उनकी जगह ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स’ लेंगे|

भारतीय सेना ने सन २००२ में ही, करीबन ४० साल सेवा में रहे ‘चीता’ और ‘चेतक’ नामक इन हेलिकॉप्टरों को निवृत्त करके नये हेलिकॉप्टर्स की खरीदारी का प्रस्ताव पेश किया था| लेकिन पिछले पंद्रह सालों से कई कारणों के वजह से खरीदारी पर रोक लगी थी| फिलहाल, पुराने हो चुके इन चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स की दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ रहे है| इनमें २० पायलटों ने अपनी जानें गँवायी हैं| इसी कारण इन हेलिकॉप्टर्स को निवृत्त करके, जल्द ही इनकी जगहों पर नये हेलिकॉप्टर्स तैनात करना आवश्यक हो गया है| इस समय भारतीय रक्षा दलों के ताफे में ४०० से अधिक चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स हैं| इनमें से २५० हेलिकॉप्टर्स सेना के ही ताफे में है|

इस पृष्ठभूमि पर, रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने ‘कमोव्ह-२२६टी’ हेलिकॉप्टर्स’ के निर्माण के बारे में संयुक्त उपक्रम को दी मंज़ुरी महत्त्वपूर्ण साबित होती है|

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