‘जी-२०’ की पृष्ठभूमि पर भारत-रशिया-चीन की त्रिपक्षीय बातचीत

ओसाका – जापान के ‘ओसाका’ में शुरू ‘जी२०’ परिषद के दौरान भारत, रशिया और चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय बैठक हुई| इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित किया| इस ‘आरआईसी’ के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री जापान-अमरिका के साथ ‘जेएआई-जय’ त्रिपक्षीय बैठक में शामिल हु?थे| एक दुसरे के विरोध में खडे होनेवाले इन देशों के दोनों गुटों में भारत के प्रधानमंत्री शामिल हुए थे, यह बात सबसे अहमियत रखती है|

‘जी-२०’ परिषद में दुनिया में शुरू सियासी, व्यापारी एवं सामरिक विवाद की गुंज सुनाई दे रही है| अमरिका और चीन में शुरू व्यापारयुद्ध एवं ईरान के मुद्दे पर अमरिकाने अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से ‘जी२०’ की राजनयिक बातचीत की अहमियत और भी बढी है| इसी में इस परिषद का आयोजन कर रहे जापान के साथ चीन का विवाद और भी बिगड रहा है और जापान के प्रधानमंत्री एबे शिंजो इस परिषद के अवसर पर चीन के विरोध में राजनयिक गठबंधन तैयार करते दिख रहे है| इसकी छबी जापान-अमरिका और भारत की बातचीत में दिखाई दी थी|

वही, दुसरी ओर अमरिका की व्यापारी एकाधिकार के विरोध में चीन और रशिया की एकता दिखाई दे रही है| इस मोर्चे पर दोनों प्रमुख देशों ने हाथ से हाथ मिलाने के लिए गतिविधियां शुरू की है| भारत ने भी एक तरफा व्यापारी निर्णय प्रक्रिया से जागतिक व्यापार को बडा खतरा हो सकता है, यह भूमिका ‘आरआईसी’ की बातचीत में रखी| इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा भी उपस्थित किया| आतंकवाद से दुनिया को सबसे अधिक खतरा होने का दावा इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किया| भारत के विरोध में आतंकवाद का केंद्र बने पाकिस्तान का और उसका समर्थन कर रहे चीन का सीधे जिक्र किए बिना प्रधानमंत्री मोदी ने फटकार लगाई|

इश बातचीत के अवसर पर आतंकवाद के विरोध में भारत अंतरराष्ट्रीय परिषद का आयोजन करेगा, यह अहम ऐलान भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान किया| भारत की इस कोशिश को सभी देश समर्थन दे, यह निवेदन भी प्रधानमंत्री मोदी ने किया| साथ ही जागतिक मौसम में हो रहे बदलाव की समस्या से हो रहा खतरा भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रेखांकित किया| ‘आरआईसी’ के साथ ही ब्रिक्स की बैठक भी ओसाका में हुई| इस बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए थे| साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की स्थायि सदस्यता प्राप्त करने के लिए उत्सुक ‘जी४’ देशों की बैठक भी इस दौरान हुई|

भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील, यह देश ‘जी४’ के सदस्य है| इन देशों ने संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध करके सुरक्षा परिषद की स्थायि सदस्यों का विस्तार करने के विषय पर राष्ट्रसंघ ने अपनाई नीति निराशा करती है, यह आलोचना की|

इस दौरान सौदी अरब के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय बातचीत की|

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