कतार को भारत में निवेश करना आसान करने के लिए होगा ‘भारत-कतार टास्क फोर्स’ का गठन

नई दिल्ली – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतार के अमीर ‘शेख तमीम बिन हमाद अल थानी’ ने फोन पर बातचीत की। कतार को भारत में निवेश करने में आसानी हो, इसके लिए दोनों नेताओं ने ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ गठित करने का निर्णय इस चर्चा में किया। ऊर्जा सुरक्षा और निवेश इन दोनों क्षेत्रों में कतार यकीनन भारत का अहम भागीदार देश है। इस पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी और कतार के अमीर अल थानी के बीच हुई यह चर्चा बड़ी अहमियत रखती है।

india-qatarजल्द ही कतार का राष्ट्रीय दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कतार के अमीर अल थानी को शुभकामनाएं प्रदान कीं। इस दौरान अपने राष्ट्रीय दिवस के लिए कतार में स्थित भारतीय दूतावास दिखा रहे उत्साह की अल थानी ने सराहना की है। भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हुई चर्चा सकारात्मक रही, यह जानकारी भी अल थानी ने साझा की है।

र्इंधन से भरा कतार भारत की ऊर्जा सुरक्षा के नज़रिये से बड़ा अहम देश है। साथ ही भारत में बड़ी मात्रा में निवेश करनवाले खाड़ी देशों में कतार का भी समावेश है। इसी वजह से अगले दिनों में कतार से भारत में निवेश करने में आसानी हो, इस उद्देश्‍य से दोनों देशों के नेताओं ने अहम निर्णय किया है। इसके तहत दोनों देश जल्द ही ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ गठित करेंगे। इससे भारत में कतार का निवेश काफी मात्रा में बढ़ेगा।

इस महीने में भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर कतार की यात्रा कर रहे हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान भी दोनों देश अहम निर्णयों पर मुहर लगाएंगे, ऐसी संभावना है। खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों के साथ ही कतार के साथ भारत का सहयोग बढ़ रहा है और तभी इन देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ रहा है, ऐसी चिल्लाहट पाकिस्तानी माध्यम कर रह है। नवंबर में कतार ने पाकिस्तान को प्रदान किए गए कर्ज़ का भुगतान करने को कहा है, ऐसी खबरें प्राप्त हुई थीं।

ऐसे में सौदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतार जैसे देशों के साथ भारत अपने संबंध मज़बूत कर रहा है तभी इन देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों में तनाव बढ़ना महज़ एक संयोग नहीं है। यह भारत की विदेश नीति को प्राप्त हुई बड़ी सफलता है और साथ ही यह पाकिस्तान की विदेश नीति की नाकामी है, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के पूर्व राजनीतिक अधिकारी कर रहे हैं।

अगले दिनों में अपने देश में कार्यरत पाकिस्तानी मज़दूर एवं कर्मचारियों को निकाल बाहर करके उनके स्थान पर भारतीय नागरिकों की नियुक्ती की जाएगी, ऐसी चिंता पाकिस्तान के पूर्व राजनीतिक अधिकारी जता रहे हैं। ऐसा होने के बावजूद पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इस समस्या की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है, ऐसी आलोचना भारत में पाकिस्तानी राजदूत रहे अब्दुल बसित ने की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.