भारत पाकिस्तान के साथ जलयुद्ध की तैयारी में – पाकिस्तान के मंत्री का आरोप

इस्लामाबाद – भारत जम्मू-कश्मीर में निर्माण कर रहे जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से पाकिस्तान के साथ जलयुद्ध की तैयारी कर रहा है, ऐसा आरोप पाकिस्तान के देखभाल जल संसाधन मंत्री अली जाफर ने किया है। पाकिस्तान अपने पंजाब प्रान्त में सिन्धु नदी पर जलविद्युत परियोजना बना रहा है। इस परियोजना को बहुत बड़ा विरोध हो रहा है और उग्र प्रदर्शन भी हुए हैं। इस परियोजना को हो रहे विरोध के पीछे भी परकीय शक्ति है, ऐसा कहकर जाफर ने इसके लिए अप्रत्यक्ष रूपसे भारत को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही नई सरकार सत्ता पर आते ही भारत निर्माण कर रहे बांधों के खिलाफ पाकिस्तान फिरसे वर्ल्ड बैंक के पास जाए, ऐसा भी जाफर ने स्पष्ट किया है।

जलयुद्ध

पाकिस्तान में हाल ही में चुनाव हुए हैं। इसमें इम्रान खान की तेहरिक ए-इंसाफ (पीटीआई) इस पार्टी को सर्वाधिक सफलता मिली है। पाकिस्तान में जल्द ही इम्रान खान के नेतृत्व में नई सरकार स्थापित होगी। चुनाव जीतने के बाद अपने पहले ही भाषण में कश्मीर के मुद्दे को उपस्थित करके अपनी नीति भारत के खिलाफ ही रहेगी, इस बात को इम्रान खान ने अधोरेखित किया था। भारत निर्माण कर रहे बाँधों के खिलाफ फिर एक बार पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक के पास जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय पंचायत की माँग करेगा, यह जाफर ने किया हुआ दावा इसी बात को दर्शाता है।

जाफर ने पाकिस्तानी मीडिया को दिए साक्षात्कार में भारत पाकिस्तान के खिलाफ जलयुद्ध की तैयारी कर रहा है, ऐसा आरोप किया है। भारत जम्मू-कश्मीर में कई बाँध बना रहा है। यह स्पष्ट रूपसे भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सिन्धु जल आवंटन अनुबंध का उल्लंघन है। दो महीनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किए किशनगंगा जलविद्युत परियोजना की उन्होंने जोरदार आलोचना की है। वर्ल्ड बैंक ने इसके पहले ही किशनगंगा परियोजना के खिलाफ पाकिस्तान ने की पंचायत की माँग को ख़ारिज किया है, ऐसे में जाफर ने इस परियोजना को लक्ष्य बनाया है। किशनगंगा परियोजना के साथ साथ भारत जम्मू-कश्मीर में निर्माण कर रहे अन्य बाँध परियोजनाओं के द्वारा भारत पाकिस्तान को दुबला बना रहा है, ऐसा दावा जाफर ने किया है।

भारत ने सिन्धु जल आवंटन अनुबंध के बाद जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा परियोजना के साथ साथ ४०० बांध निर्माण किए हैं। लेकिन पाकिस्तान अभी तक एक भी बांध निर्माण नहीं कर सका है। पंजाब प्रान्त के कालाबाग नीति को (केबीडी) जोरदार विरोध हो रहा है। पाकिस्तान के खैबर पख्तुनवाला प्रान्त में सर्वाधिक विरोध देखने को मिल रहा है। यहाँ के स्थानीय पार्टी ने भी इस परियोजना का विरोध किया है और इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया है।

नवाझ शरीफ की सरकार के वक्त भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई थी। लेकिन उसमे से कुछ हासिल नहीं हुआ था। यह परियोजना पाकिस्तान के लिए बहुत आवश्यक है, ऐसा जाफर ने कहा है। लेकिन इस परियोजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के पीछे परकीय शक्तियों का हाथ होने का आरोप भी उन्होंने किया है।

दौरान, पाकिस्तान ने किया हुआ यह आरोप नया नहीं है। लेकिन पाकिस्तान का आरोप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कहीं भी टिकता नहीं। भारत की ओर से बहने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान से बहाकर समुन्दर से मिलता है। इस पानी को पाकिस्तान बेकार में गंवाता है। इस पर पाकिस्तान कहीं पर भी बाँध नहीं बना पाया है, यह बात स्पष्ट हुई है। भारत सिर्फ अपने हिस्से का पानी रोकता है, ऐसा भारत ने कई बार स्पष्ट किया है।

दो साल पहले उरी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रक्त और पानी एक साथ नहीं बहा सकता है, ऐसा स्पष्ट किया था। उसके बाद पाकिस्तान बहुत ही अस्वस्थ बन गया है और भारत ने वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से ६० साल पहले हुआ सिन्धु जल आवंटन अनुबंध तोडा, तो पाकिस्तान का रेगिस्तान बनने से कोई नहीं रोक सकता, ऐसी चेतावनी यहाँ के विशेषज्ञ दे रहे हैं।

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