कोरोना के खिलाफ जारी मुहिम में भारत विश्‍व का नेतृत्व कर रहा है – संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने की सराहना

संयुक्त राष्ट्र – कोरोना की महामारी के खिलाफ जारी मुहिम में भारत ने विश्‍व के १५० से अधिक देशों को अलग अलग तरह से सहायता प्रदान की है। कोरोना के खिलाफ जारी इस मुहिम में भारत विश्‍व का नेतृत्व कर रहा है, इन शब्दों में संयुक्त राष्ट्रसंगठन के महासचिव ऐंटोनिओ गुतेरस ने भारत की सराहना की। गुतेरस ने भारत की इस उपलब्धी पर स्वतंत्र खत लिखा है और व्यक्तिगत स्तर पर भी भारत के प्रति आभार व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्रसंगठन में नियुक्त भारत के राजदूत टी.एस.तिरुमूर्ती ने इससे संबंधित जानकारी प्रदान की।

बीते कुछ महीनों में कोरोना विरोधी वैक्सीन विकसित करने में कामयाबी हासिल हुई है और विश्‍व के प्रमुख देशों में व्यापक स्तर पर टीकाकरण की मुहिम भी शुरू की गई है। यह मुहिम शुरू होने के दौरान अमरीका, कनाड़ा और कुछ यूरोपिय देशों ने विश्‍व में उपलब्ध हुई वैक्सीन का अतिरिक्त भंड़ारण करना शुरू किया होने के आरोप होने लगे हैं। प्रगत देशों की इस भूमिका की वजह से अफ्रीका और एशिया के कई छोटे एवं अविकसित देशों को वैक्सीन प्राप्त नहीं हो रही है, ऐसा आरोप संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने किया था।

टीका विकसित होने से पहले भारत ने विश्‍व के कई देशों को अत्यावश्‍यक वैद्यकीय सामग्री एवं औषधियों की आपूर्ति की थी। इसके बाद भारत ने देश में तैयार की गई वैक्सीन की अन्य देशों को आपूर्ति करने के लिए पहल की। ‘वैक्सीन मित्रता’ नामक उपक्रम के तहत भारत ने लगभग २० से अधिक देशों को लाखों की संख्या में वैक्सीन की आपूर्ति की है। इसके बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की शांति मुहिम का हिस्सा होनेवाले करीबन एक लाख सैनिकों के लिए वैक्सीन प्रदान करने का ऐलान किया। कोरोना के खिलाफ जारी इस मुहिम में भारत ने दिए योगदान का संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने सर्वोच्च स्तर पर संज्ञान लिया है, यह बात महासचिव ऐंटोनियो गुतेरस के खत से स्पष्ट हो रही है।

‘कोरोना के खिलाफ जारी मुहिम में भारत विश्‍व का नेतृत्व कर रहा है। भारत ने अब तक १५० से भी अधिक देशों को जीवनावश्‍यक औषधि, निदान करनेवाले किट्स, वेंटिलेटर्स और नीजि सुरक्षा की सामग्री प्रदान की हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन ने आपात्काल में इस्तेमाल करने के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की है और इनमें से एक वैक्सीन भारत में तैयार हुई है। भारत ने वैक्सीन विकसित और निर्माण करने के लिए की हुई कोशिशों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज़रूरी वैक्सीन की आपूर्ति करना मुमकिन हुआ। ‘कोवैक्स’ उपक्रम को भारत ने दिया समर्थन और किए हुए सहयोग के लिए हम भारत के प्रति तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं’, इन शब्दों में महासचिव गुतेरस ने भारत की सराहना की है।

संयुक्त राष्ट्रसंगठन के महासचिव ने भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर के प्रति व्यक्तिगत स्तर पर आभार भी व्यक्त किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को ‘फार्मसी ऑफ द वर्ल्ड’ के तौर पर पहचान प्राप्त हुई है। कोरोना के दौर में भारत ने प्रदान किया योगदान इस उपाधी को सार्थक साबित हुआ है और संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ने की हुई सराहना इस पर मुहर लगानेवाली साबित हुई है।

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