चीन की ‘बीआरआई’ में भारत शामिल होगा ही – चीन के विश्‍लेषक का दावा

बीजिंग – पाकिस्तान एवं चीन के बीच हो रहे ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर परियोजना’ को अब पाकिस्तान में ही कडा विरोध होने लगा है| चीन ने दिए कर्जे के फंदे में पाकिस्तान फंसता जा रहा है, यह ध्यान में आने से पाकिस्तान की सरकार ने भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा रहे कुछ स्तर रद्द किए है| ऐसी परिस्थिति में ‘चाइना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ जिसका हिस्सा है उस चीन के ‘बेल्ट ऍण्ड रोड’ (बीआआई) परियोजना में भारत शामिल हुए बिना यह परियोजना सफल होना मुमकिन नही, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है| लेकिन, फिलहाल भारत ने इस परियोजना में शामिल होने से इनकार किया है, फिर भी आने वाले समय में भारत अपनी भूमिका में बदलाव करेगा, यह दावा चीन सरकार की ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस दैनिक ने किया है|

बुनियादी सुधार के लिए बडी योजना शुरू करने पर भारत विवश है| भारत की यह जरूरत इस देश को ‘बीआरआई’ का हिस्सा होने पर विवश करेगी, यह दावा ‘झाओ गांनचेंग’ इन्होंने किया है| शंघाय इन्स्टिट्युट फॉर इंटरनैशनल स्टडीज्’ के ‘सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक स्टडीज्’ विभाग के संचालक गानचेंग इन्होंने ‘ग्लोबल टाईम्स’ में लिखे एक स्तंभ में यह दावा किया है| इस स्तंभ में भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतीयों का दाखिला भी गानचेंग?इन्होंने दिया है| फिल हाल भारत की बैंकों के सामने डुबे हुए कर्ज की काफी कठिन समस्या है| साथ ही भारत के औद्योगिक क्षेत्र को गति देने के लिए बुनियादी सुधार की परियोजनाओं को गति देने की भी जरूरत है| ऐसी परिस्थिति में भारत को ‘बीआरआई’ से दूर रहना मुमकिन नही रहेगा, ऐसा इस विश्‍लेषक का कहना है|

इसी लिए भारत जल्द ही ‘बीआरआई’ में शामिल होगा, यह विश्‍वास गानचेंग इन्होंने व्यक्त किया है| इस दौरान भारत ने चीन की इश परियोजना पर पहले ही आलोचना की है| यह परियोजना अन्य देशों की सार्वभौमता को चुनौती दे रही है, यह आरोप भारत ने जडें थे| साथ ही पाकिस्तान ने कब्जा किए कश्मीर पर भारत का सार्वभौम हक है और चीन एवं पाकिस्तान का ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर परियोजना’ इसी भाग से हो रही है, इस पर भारत ने कडी आपत्ति दर्ज की है| चीन की इस परियोजना के संबंधी भारत ने दर्ज की हुई आपत्ति पर अमरिका समर्थन कर रहा है| ऐसी परिस्थिति में भारत अपनी भूमिका में बदलाव करके चीन की इस परियोजना में शामिल होने की संभावना नही है| लेकिन, चीन के विश्‍लेषक फिलहाल अपने देश ती जनता को गुमराम करने के लिए ऐसे दावे कर रहे है, यह स्पष्ट हुआ है|

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