भारत द्वारा इस्रायल के साथ प्रक्षेपास्त्र समझौते को मंज़ुरी

नयी दिल्ली, दि. २५ : देश की हवाई सुरक्षा मज़बूत करने के लिए भारत इस्रायल के साथ मिलकर मध्यम दूरीवाले प्रक्षेपास्त्र विकसित करनेवाला होकर, दोनो देशों के बीच १७ हज़ार करोड़ रुपये के इस समझौते को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंज़ुरी दी है| भारत के प्रधानमंत्री इस्रायल के दौरे पर जानेवाले हैं, इस दौरे से पहले यह अहम निर्णय लिया गया है|

प्रक्षेपास्त्रइस साल भारत-इस्रायल राजनैतिक संबंधो को २५ साल पूरे होने जा रहे हैं| पिछले साल इस्रायल के राष्ट्राध्यक्ष ‘रियुव्हेन रिव्हलिन’ भारत दौरे पर आए थे| उस समय दोनो देशो के नेताओं में, प्रक्षेपास्त्र विकास के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई थी| इसके अनुसार, भारत और इस्रायल साथ मिलकर ‘एमआर-सॅम’ यह प्रक्षेपास्त्र विकसित करनेवाले हैं| ज़मीन से आकाश में हमला कर सकनेवाला यह प्रक्षेपास्त्र मध्यम दूरी का होगा| इस्रायल के ‘एलआर-सॅम’ इस लंबी दूरीवाले प्रक्षेपास्त्र की यह आवृत्ति होगी|

भारत का ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) और इस्रायल की एअरक्राफ्ट इंडस्ट्री साथ मिलकर यह प्रक्षेपास्त्र विकसित करनेवाले हैं| इस वजह से भारत का हवाई क्षेत्र और भी सुरक्षित होगा| हाल ही में, ‘एरो इंडिया’ शो में ‘डीआरडीओ’ ने ‘एअरबॉर्न अर्ली वॉर्निग ऍण्ड कन्ट्रोल’ (एईडब्ल्यूऍण्डसी) यह यंत्रणा भारतीय हवाईदल को सौंप दी थी| इसके अलावा ‘डीआरडीओ’ फिलहाल इससे अधिक आधुनिक ‘एईडब्ल्यूएसीएस’ यानी कि ‘अवॅक्स’ यह हवाई सुरक्षा यंत्रणा विकसित कर रहा है|

फिलहाल भारतीय रक्षादल के पास ‘फाल्कन यंत्रणा’ के अलावा, डीआरडीओ ने विकसित की इस यंत्रणा की वजह से भारत की हवाई सुरक्षा और भी मज़बूत होनेवाली है| साथ ही, हवाई सुरक्षा के लिए भारत इस्रायल के साथ ‘एमआर-सॅम’ का निर्माण करनेवाला है|

इसी दौरान, भारत के प्रधानमंत्री इस्रायल के दौरे पर जानेवाले हैं| इससे पहले इस समझौते को मिली मंत्रिमंडल की मंज़ुरी यह प्रधानमंत्री के दौरे की पूर्वतैयारी का हिस्सा माना जा रहा है| इस दौरे में इस्रायल के साथ रक्षा सहयोग पर अहम घोषणाएँ हो सकती हैं|

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