भारत-इस्रायल ने कोरोना की जाँच के लिए ‘गेम चेंजर’ तकनीक विकसित की – इस्रायल के राजदूत का दावा

नई दिल्ली – भारत और इस्रायल ने मिलकर कोरोना का परीक्षण करने के लिए ’गेम चेंजर’ तकनीक विकसित की है। इस तकनीक के ज़रिये सुपर रैपिड टेस्ट करना संभव होगा। खास तरह की ट्यूब में फूंक मारकर मात्र एक मिनीट में कोरोना के मरीज की पहचान करना संभव होगा, यह जानकारी इस्रायल के राजदूत रॉन माल्का ने साझा की है। इस तकनीका का अनुसंधान अंतिम चरण में होने की बात भी उन्होंने कही।

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या ७० लाख के करीब जा पहुँची है। साथ ही इस महामारी से मृतकों की संख्या १.०७ लाख से अधिक हुई है। इसके अलावा, देश में अब तक ५९.५५ लाख कोरोना संक्रमित इलाज़ से ठीक हुए हैं। कोरोना संक्रमितों के ठीक होने का प्रमाण देश में ८५.५२ प्रतिशत हुआ है। लेकिन, अभी भी देश में प्रतिदिन ७० हज़ार से अधिक नए कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। बीते महीने में देश में प्रति दिन कोरोना के ९० हज़ार मामले दर्ज़ हो रहे थे। इस तुलना में बीते कुछ दिनों से नए मरीज़ सामने आने की मात्रा में कमी आई है। यह बात चाहे राहत दे रही हो फिर भी देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के नए मामले सामने आने की मात्रा अभी भी ज्यादा है। बीते सप्ताह में केरल और कर्नाटक में कोरोना के नए मामले दर्ज़ होने की मात्रा में बढ़ोतरी देखी गई।

फिलहाल कोरोना के लिए विभिन्न टीके तैयार करने का काम जारी है। ‘डब्ल्यूएचओ’ ने हाल ही में दिसंबर तक कोई टीका उपलब्ध न होने का अंदाजा व्यक्त किया था। तभी, बीते सप्ताह में केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन ने अगले वर्ष के जून महीने में कोरोना का टीका लगाने की मुहिम शुरू हो सकेगी, यह बयान किया था। इस पृष्ठभूमि पर मौजूदा स्थिति में कोरोना संक्रमितों की पहचान जल्द से जल्द करना अहम बनता है और इसके लिए अधिकाधिक लोगों का परीक्षण करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी नज़रिये से एक अहम ऐलान इस्रायल के राजदूत ने किया है।

भारत और इस्रायल ने संयुक्त रूप से कोरोना का परीक्षण करने के लिए चार तकनीकों की जाँच की है। इसके लिए भारत से बड़ी मात्रा में नमूने लिए गए थे। इसमें ब्रेथ एनालायज़र और वॉईस टेस्ट का भी समावेश है। इससे जल्द ही जाँच की रपट प्राप्त होगी, यह बात माल्का ने कही है। जाँच के लिए पहुँचनेवाले व्यक्ति को एक खास ट्यूब में फूंक मारनी होगी और इसके बाद मात्र ३० से ५० सेकंडों में कोरोना संक्रमित की पहचान संभव होगी, यह बात माल्का ने रेखांकित की। साथ ही भारत ही कोरोना के टीके का सबसे अधिक उत्पादन कर सकता है। कोरोना के टीकों का उत्पादन केंद्र होने के लिए आवश्‍यक सभी सुविधाएं भारत में मौजूद होने का विश्‍वास माल्का ने व्यक्त किया।

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