चीन के साथ तनाव की स्थिति में भारत-इंडोनेशिया के बीच संरक्षण सहकार्य बढेगा

नई दिल्ली – भारत के दौरे पर आए हुए इंडोनेशिया के संरक्षणमंत्री जनरल प्रबोवो सुबियान्तो ने संरक्षणमंत्री राजनाथ सिंग के साथ चर्चा की। दोनों देशों में नीतिविषयक मामलों पर सहकार्य मजबूत करने पर जोर दिया गया। इंडोनेशिया को संरक्षण प्रणाली प्रदान करने के बारे में चर्चा की गई। इसके अलावा भारत इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइलें दे सकता है, ऐसी खबर है। इसलिए चीन के साथ तनाव के चलते दोनों देशों में हुई इस संरक्षणविषयक चर्चा की अहमियत बढ गई है।

संरक्षण सहकार्य

रविवार को इंडोनेशिया के संरक्षणमंत्री जनरल प्रबोवो सुबियान्तो तीन दिन के दौरे पर भारत आए हैं। सोमवार को दोनों देशों के संरक्षणमंत्रियों की उपस्थिति में भारत और इंडोनेशिया के शिष्टमंडल में चर्चा हुई। इस चर्चा में संरक्षणदल प्रमुख जनरल बिपीन रावत के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज नरवणे, नौदल प्रमुख ऐडमिरल करमबीर सिंग, वायुसेना प्रमुख आर.के.एस भदोरिया, संरक्षण सचिव अजय कुमार और प्रमुख अधिकारीगण उपस्थित थे।

यह चर्चा सकारात्मक रही। दोनों देशों के बीच राजकीय संवाद की परंपरा रही है और पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच आर्थिक लेनदेन बढी है। दोनों देशों के बीच सार्वजनिक स्तर पर तथा सांस्कृतिक लेनदेन के संबंध अधिक दृढ हुए हैं, ऐसा राजनाथ सिंग ने कहा। इंडोनेशिया के साथ बढे सैनिकी स्तर पर सहकार्य के प्रति केंद्रीय संरक्षणमंत्री राजनाथ सिंग ने संतोष व्यक्त किया।

बैठक में नौदल सहकार्य के विस्तार पर चर्चा की गई। लद्दाक और साऊथ चायना सी क्षेत्र में चीन की आक्रमकता पर भी चर्चा किए जाने के दावे समाचारों में किए जा रहे हैं। भारत ने इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइलें देने की तैयारी दर्शाई है, यह दावा भी समाचारों में किया गया है।

इंडोनेशिया ‘साऊथ चायना सी’ पर चीन के दावे के विरोध में इस क्षेत्र के अन्य देशों की तरह मुस्तैद है। इसके अलावा इंडोनेशिया का सबांग बंदर हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर को जोडनेवाले मलाक्का सामुद्रीधूनि के मुख के पास है, और दो वर्ष पूर्व यह बंदर भारत को सैनिकी इस्तेमाल के लिए दिए जाने का निर्णय इंडोनेशिया ने लिया था। गलवान के संघर्ष के बाद मलाक्का सामुद्रीधूनि के पास भारतीय नौसेना की तैनाती बढाई गई है। हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर को जोडनेवाले जलमार्ग मलाक्का सामुद्रीधूनि से ही चीन का अधिकतम व्यापार एवं इंधन यातायात होता है। इसलिए संघर्ष के दौरान यह मार्ग बंद होने से चीन को आर्थिक संकट में डाला जा सकता है।

इसलिए चीन द्वारा ‘साऊथ चायना सी’ में आक्रमकता के दौरान और गलवान में संघर्ष के बाद भारतीय नौसेना में मलाक्काम में तैनाती बढा दी है, ऐसी स्थिति में इंडोनेशिया के सुरक्षामंत्री के इस भारत दौरे का महत्व बढ गया है। भारत द्वारा दर्शाई गई इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल दिए जाने की तैयारी की खबर चीन की चिन्ता बढाएगी।

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