भारत और इंडोनेशिया का व्यापक सामरिक साझेदारी का निर्णय

जकार्ता: ‘’’इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र की शांति और विकास के लिए भारत और आसियान देशों का सहकार्य महत्वपूर्ण साबित होता है। इसमें इंडोनेशिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और भारत-इंडोनेशिया के बीच सहकार्य का रूपांतरण ‘कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप’ में हो रहा है’’, ऐसी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की है।

प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया के दौरे पर हैं और उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष जोको विडोड़ो के साथ हुई पत्रकार परिषद में यह घोषणा की है। इस समय दोनों देशों के बीच १५ अनुबंध संपन्न हुए हैं। इसमें रक्षा सहकार्य के साथ अंतरिक्ष, विज्ञान, तकनीक इत्यादि क्षेत्रों के अनुबंधों का समावेश है। साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार ५० अरब डॉलर्स पर ले जाने का लक्ष्य दोनों नेताओं ने अपने सामने रखा है।

भारत, इंडोनेशिया, व्यापक, सामरिक, साझेदारी, निर्णय, जकार्ता, साउथ चाइना सीप्रधानमंत्री मोदी पाँच दिनों के इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापूर दौरे पर हैं। भारत के ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के दृष्टिकोण से यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण है। ‘इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र में चीन की गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। संपूर्ण ‘साउथ चाइना सी’ पर चीन ने दावा करने की वजह से इस क्षेत्र के अनेक देश चीन के खिलाफ गए हैं। चीन जैसे बलाढ्य देश का सामना करते समय दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भारत की तरफ बड़ी आशा से देख आरहे हैं। इसीलिए इस क्षेत्र के देशों के साथ भारत के सहकार्य को सामरिक और रणनीतिक महत्व प्राप्त हुआ है और इस वजह से इंडोनेशिया के साथ भारत के संबंध का महत्व अधिक बढ़ गया है। इस वजह से प्रधानमंत्री के इस दौरे की तरफ विश्लेषक अत्यंत गंभीरता से देखा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष विडोड़ो ने इस दौरान ‘इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहकार्य का ‘शेअर व्हिजन डॉक्यूमेंट’ भी प्रसिद्ध किया है। ‘इंडो-पसिफ़िक’ क्षेत्र परिवहन के लिए मुक्त होना चाहिए, ऐसी भारत और इंडोनेशिया की स्पष्ट भूमिका इसमें रखी गई है, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने कहा है।

भारत ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के साथ ‘सिक्युरिटी एंड ग्रोथ ऑफ़ ऑल रिजन’ (सागर) का पुरस्कार कर रहा है। यह नीति राष्ट्राध्यक्ष विडोड़ो के ‘मेरीटाइम फल्क्रम पॉलिसी’ से सुसंगत है, ऐसा मोदी ने इस समय कहा है। पिछले वर्ष इंडोनेशिया के राष्ट्राध्यक्ष विडोड़ो भारत आए थे। तब दोनों देशों के बीच सकार्य व्यापक करने के लिए योजना बनाई गई थी। उसके अनुसार भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय सहकार्य ‘कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप’ में रूपांतरित करने का निर्णय लिया गया, ऐसी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की थी।

भारत और इंडोनेशिया के बीच १५ महत्वपूर्ण अनुबंध भी इस समय पूरे हुए हैं। इसमें रक्षा क्षेत्र से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक के सहकार्य अनुबंधों का समावेश है। साथ ही दोनों देशों के बीच सहकार्य अधिक व्यापक करने का निर्णय हुआ है। इंडोनेशिया का सबांग बंदरगाह विकसित करने के लिए दो सालों में भारत को सौंपा जाएगा और इस बंदरगाह को भारत के अंदमान और निकोबार द्वीपों के साथ समुद्री परिवहन द्वारा जोड़ा जाएगा, ऐसा विडोड़ो ने कहा है।

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