भारत ने लद्दाख में बढ़ाई सेना की तैनाती

नई दिल्ली/लेह, (वृत्तसंस्था) – लद्दाख में गलवान नदी क्षेत्र में भारत ने अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। चीन ने ‘सिनियर कर्नल’ स्तर के अफ़सर के नेतृत्व में पाँच हज़ार सैनिक सीमा क्षेत्र में तैनात करने की ख़बरें प्राप्त हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, भारत ने भी वहाँ पर अपनी लष्करी तैनाती में बढ़ोतरी की है। चीन जितनी संख्या में सीमा पर अपने भी सैनिकों की तैनाती करके भारत ने चीन को जैसे को तैसा ज़वाब दिया है।

शुक्रवार के दिन भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने लद्दाख का दौरा किया था और वहाँ की तैयारी का जायज़ा भी लिया था। इसके बाद भारत ने चीन से सटे लद्दाख के क्षेत्र में सेना की तैनाती बढ़ाने की ख़बरें प्राप्त हो रही हैं। वर्ष १९६२ के युद्ध से पहले चीन के सैनिकों ने जिस क्षेत्र में तंबू लगाए थे, उस गलवान नदी के तटीय क्षेत्र में चार ज़गहों पर और पैंगोग सरोवर के क्षेत्र में एक जगह पर चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। गलवान के क्षेत्र में चिनी सैनिकों ने तंबू लगाए हैं और बड़ी मात्रा में बंकर का निर्माण करने के लिए हेवी यंत्रणा भी लाकर रखी है।

वरिष्ठ कर्नल स्तर के अफ़सर के नेतृत्व में चीन ने पाँच हज़ार सैनिकों की पलटन ही वहाँ पर तैनात करने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। चिनी सेना में ‘सिनियर कर्नल’ का पद भारतीय सेना के ‘ब्रिगेडियर’ की बराबरी का है और इतने वरिष्ठ स्तर के अफ़सर के नेतृत्व में, वहाँ पर चीन ने सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है। लेकिन, इसके बाद भारत ने इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आयटीबीपी) के सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है।

लद्दाख से सटे चीन के सरहदी क्षेत्र में चीन ने पिछले कुछ महीनों से गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। इसी दौरान चीन की सैनिकों की घुसपैठ की वारदातें भी बढ़ी हैं। लेकिन, भारतीय सेना ने चीन की इन सभी कोशिशों को नाकाम किया है। लेकिन, ५ मई के दिन पैंगोग में दोनों देशों के करीबन २५० सैनिकों के बीच हुए ज़ोरदार टकराव के बाद इस क्षेत्र में तनाव बना है। चीन ने इस क्षेत्र में बढ़ाई हुई तैनाती देखें, तो वर्ष २०१७ में हुए डोकलाम की तरह चीन ने लंबे संघर्ष की तैयारी की है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

लद्दाख में चीन और भारत की ८०० किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। वहाँ के पैंगोग लेक, चुमार, डेमचॉक और दौलत बेग ओल्डी के दो स्थानों पर चीन के सैनिक हमेशा घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, पहली ही बार गलवान नदी के क्षेत्र में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की हैं। यहाँ पर सड़कें और बुनियादी सुविधाओं का विकास भारत द्वारा तेज़ किया जाने के कारण चीन बेचैन हुआ है और यह निर्माण कार्य रोकने के लिए चीन दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहें हैं।

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