भारत का विकास दर ९.५ प्रतिशत तक जा पहुँचेगा – रेटिंग्स एजेन्सी ‘फिच’ ने जताया अंदाजा

नई दिल्ली – कोरोना वायरस की वज़ह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। लेकिन, इस स्थिति से भारत सँवरेगा और अगले आर्थिक वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ९.५ प्रतिशत दर से प्रगति करेगी, यह दावा आंतर्राष्ट्रीय रेटिंग्स एजेन्सी ‘फिच’ ने किया है। इसके अलावा, ‘फिच’ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान रेटिंग्स में भी सुधार किया है। साथ ही, ‘एसॲण्ड पी’ इस अन्य जागतिक रेटिंग्स संस्था ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा दिखाया है।

FITCHभारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्‍व की अर्थव्यवस्था कोरोना की वज़ह से संकट से घिरीं हैं। इस झटके से विश्‍व की बड़ीं अर्थव्यवस्थाएँ भी इतने में सँभल नही सकेंगी, यह दावा हो रहा है। लेकिन, ‘फिच’ और ‘एस ॲण्ड पी’ इन विश्‍व की दो प्रमुख रेटिंग्स एजेन्सियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था दोबारा उछाल लेगी, ऐसे संकेत दिए हैं। कोरोना वायरस के संकट से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिखाई दिए थे। इसकी कई वजहें थीं। सरकार पर कर्ज़ का भार बढ़ने से बड़ी चुनौतियाँ बनी थीं। कोरोना वायरस ने इस संकट को और गंभीर बनाया, ऐसा ‘फिच’ ने अपने अनुमान में कहा है। इसके चलते वर्तमान आर्थिक वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर में ५ प्रतिशत गिरावट होने का अंदाज़ा फिच ने जताया है।

लेकिन, भारतीय अर्थव्यवस्था दोबारा तेज़ गति से प्रगति करेगी। आर्थिक क्षेत्र में यदि दोबारा कोई संकट नहीं आया, तो अगले आर्थिक वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास दर ९.५ प्रतिशततक उछलेगा। २५ मार्च के दिन लॉकडाउन की शुरुआत होने के बाद भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई थीं। लेकिन, अभी भी लॉकडाउन के प्रतिबंध पूरी तरह से हटाएँ नहीं गए हैं। अर्थव्यवस्था दोबारा गति पकड़ने के लिए समय लगेगा, यह बयान फिच ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रिज़र्व्ह बैंक ने कुछ अहम कदम उठाए हैं। ब्याज दर में बड़ी कटौती की हैं। साथ ही क्रेडिट नीति भी काफ़ी शिथिल की हैं। इसके अलावा सरकार ने सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में १० प्रतिशत का आर्थिक पैकेज घोषित किया। इसका दाखिला भी ‘फिच’ ने अपनी रिपोर्ट में दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में दिखाई दे रहीं वृद्धि, वर्तमान की ‘बीबीबी’ श्रेणी से अधिक रहेगी, ऐसा ‘फिच’ ने कहा है।

‘फिच’ के साथ ही ‘एसॲण्ड पी’ इस अन्य एक जागतिक रेटिंग्स संस्था ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विश्‍वास व्यक्त किया है। ‘एस ॲण्ड पी’ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ‘रेटिंग’ में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया हैं। भारत में आर्थिक स्थिरता होगी और वर्ष २०२१ में इसमें सुधार होगा, यह दावा ‘एस ॲण्ड पी’ ने किया है। ‘एस ॲण्ड पी’ ने भी, वर्तमान आर्थिक वर्ष में भारत के विकास दर में ५ प्रतिशत गिरावट होने क संभावना जताई है। लेकिन, ‘एसॲण्ड पी’ ने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रदान किया हुआ ‘बीबीबी’ मानांकन औसत से भी अच्छा विकास दर दिखा रहा है, ऐसा कहा जा रहा है। साथ ही, भारत ने यदि आर्थिक सुधार उचित तरीके से किए, तो भारत का विकास दर अन्य देशों की तुलना में बेहतर रहेगा, ऐसा ‘एस ॲण्ड पी’ ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.