भारत समुद्री ताकत के रूप में उदयित हो रहा है – रक्षामंत्री राजनाथ सिंग

नवी दिल्ली, (वृत्तसंस्था) ‘भारत समुद्री ताकत के रूप में उदयित हो रहा है और हमारे देश की तरक्की सागर पर निर्भर है’, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने कहा है। शुक्रवार को रक्षामंत्री ने व्हिडिओ कॉन्फरन्स के माध्यम से भारत के तटरक्षक दल का गश्ती जहाज़ और दो इंटरसेप्टर बोट्स् का जलावतरण किया। इनके समावेश से भारत के तटरक्षक दल का सामर्थ्य बढ़ेगा, ऐसा विश्वास इस समय रक्षामंत्री ने व्यक्त किया।

शुक्रवार को तटरक्षक दल का गश्ती जहाज़ ‘सचेत’ का जलावतरण संपन्न हुआ। यह स्वदेशी बनावट का जहाज़ होकर गोवा के शिपयार्ड में इसका निर्माण हुआ। दो हज़ार तीन टन वज़न का यह जहाज़ आधुनिक यंत्रणाओं से लैस है। वहीं, ‘सी- ४५०’ और ‘सी-४५१’ ये इंटरसेप्टर बोट्स् गुजरात के शिपयार्ड में विकसित की गयीं हैं। इन बोटों पर भी अत्याधुनिक यंत्रणाएँ बिठायी गयीं हैं। यह जहाज़ और बोटें संवेदनशील क्षेत्र में कश्ती कर देश की सागरी सुरक्षा को अधिक ही मज़बूत करेंगी।

देश को सागरी आतंकवाद का ख़तरा है। पिछले कुछ महीनों में सागरी मार्ग से नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार और स्मगलिंग का  प्रमाण बढ़ गया है। इस कारण तटरक्षक दल के सामने की चुनौतियाँ बढ़ीं हैं। जहाज़ और बोटों के समावेश से तटरक्षक दल के सामर्थ्य में बढ़ोतरी होगी, यह रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया। साथ ही, देश में ही जहाज़ और बोटों का निर्माण होने के कारण शिपयार्ड की क्षमता बढ़ रही है, यह बताकर रक्षामंत्री ने संतोष ज़ाहिर किया। आज की तारीख में तटरक्षक दल के बेड़े में १५० जहाज़ और बोटें तथा ४० विमान हैं। वहीं, देश के विभिन्न शिपयार्ड्स् में तटरक्षक दल के लिए ४० जहाज़ों का निर्माण शुरू है।

२६/११ का आतंकवादी हमला करनेवाले आतंकी पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से ही मुंबई में दाखिल हुए। उसके बाद के समय में भी सागरी मार्ग से भारत में आतंकियों की घुसपैंठ कर खूनख़राबा करने की साज़िश पाकिस्तान ने बनायी है, यह सामने आया था। इस कारण देश की सागरी सीमा की सुरक्षा और तटरक्षक दल का महत्त्व प्रचंड प्रमाण में बढ़ गया है। इसीलिए केंद्र सरकार ने तटरक्षक दल की क्षमता को बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध कदम उठाने की शुरुआत की थी। इसके अनुसार तटरक्षक दल के बेड़े में अत्याधुनिक गश्ती नौका तथा अन्य आवश्यक सामग्री सहभागी की जा रही है।

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