बैलिस्टिक मिसाइल का हमला रोकनेवाले इंटरसेप्टर का सफलतापूर्वक परीक्षण

बालासोर, दि. ११ : दुश्मन ने दागे बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त कर खत्म करनेवाले ‘इंटरसेप्टर’ मिसाइल का भारत ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया| देश के रक्षाक्षेत्र में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है| इसके बाद ‘भारतीय रक्षा संशोधन और विकास संस्था-डीआरडीओ’ को बधाई देनेवाले संदेश आ रहे हैं| चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देश अत्याधुनिक प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण लेकर भारत की सुरक्षा को चुनौती दे रहे है; ऐसे में इस इंटरसेप्टर का परीक्षण भारत के लिए अत्यावश्यक माना जाता है|

बैलिस्टिक मिसाइलशनिवारी सुबह ७.४५ को ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से छोड़े इस इंटरसेप्टर ने अपने लक्ष्य का अचूकतापूर्वक छेद किया| पृथ्वी के वायुमंडल से ५० किलोमीटर उंचाई पर इस इंटरसेप्टर ने यह लक्ष्य छेद दिया, ऐसी जानकारी ‘डीआरडीओ’ के अधिकारियों ने दी| भारत के प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम को मिली यह सबसे बड़ी कामयाबी मानी जाती है| इसके कारण दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल का हमला नाकाम करना भारत के लिए मुमक़िन होगा| यह इंटरसेप्टर मिसाइल, देश पर दागे जानेवाले दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल का अचूकतापूर्व पीछा करते हुए यह मिसाइल नष्ट कर सकेगा, यह इस परीक्षण से साबित हुआ है, ऐसा दावा अधिकारियो ने किया है|

इससे पहले किये गए ‘इंटरसेप्टर’ के परीक्षण पर भी पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया आयी थी| ‘यह परीक्षण लेकर भारत दक्षिण एशिया क्षेत्र में अस्थिरता फैला रहा है’ ऐसा दावा पाकिस्तान ने किया था| चिनी मीड़िया ने भी इस परीक्षण पर ऐतराज़ जताया था| साथ ही, इसके बाद पाकिस्तान ने एक ही समय कई परमाणुविस्फोटकों को दाग सकनेवाले परमाणुअस्त्र का परीक्षण लेकर, भारत के ‘इंटरसेप्टर’ की पहुँच के बाहर रहनेवाली यंत्रणा अपने पास है, ऐसा दिखाने की कोशिश की थी|

इस पृष्ठभूमि पर, भारत के मिसाइल कार्यक्रम को तेज़ करना अनिवार्य बन चुका था| इसीके तहत, भारतीय संशोधक अथक परिश्रम से ‘इंटरसेप्टर’ पर संशोधन कर रहे होकर, इसकी निर्माणप्रक्रिया को और तेज़ बनाने की सोच रहे हैं| शनिवार के दिन परीक्षण को मिली सफलता संशोधकों का उत्साह बढ़ानेवाली है| इससे देश का प्रक्षेपास्त्रभेदी कार्यक्रम और ज़्यादा तेज़ होनेवाला है|

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