भारत-बांग्लादेश में परमाणु समझौता

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भारत एवं बांग्लादेश के बीच परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए होने की ख़बर प्रकाशित हुई है । इससे भारत एवं बांग्लादेश राजनीतिक दृष्टि से संलग्न एवं परस्परसुरक्षा के मामले में अधिक संवेदनशील तथा आर्थिक साझेदार बन गये होने का दावा भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है । बांग्लादेश के साथ हुआ यह समझौता यानी दक्षिण एशियायी क्षेत्र पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की दृष्टि से भारत को मिली महत्त्वपूर्ण क़ामयाबी है, ऐसा माना जा रहा है ।

कुछ महीने पहले, भारत ने श्रीलंका के साथ नागरी परमाणु समझौता किया था। उसके बाद अब बांग्लादेश के साथ परमाणु समझौता करने में भारत को सफलता मिली है। कुछ महीने पहले, भारतीय कंपनियों ने बांग्लादेश में, ऊर्जानिर्माण प्रकल्प का काँट्रॅक्ट चिनी कंपनियों के हाथों से छीनकर हासिल किया था। दोनों देशों में हुए इस परमाणुसमझौते के कारण, ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच का सहयोग और भी मज़बूत हो चुका है।

बांग्लादेश के साथ हुआ यह परमाणु समझौता पॅकेज के रूप में होकर, उसे साकार करने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय तथा बांग्लादेश के विज्ञान एवं तंत्रज्ञान विभाग के बीच गत कुछ महीनों से चर्चा शुरू थी। दोनों देशों के बीच हुआ यह परमाणुकरार, यह दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की मुहिम का ही एक भाग है। यह केवल शुरुआत होने का दावा भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया है। इस परमाणुसमझौते के कारण, भारत और बांग्लादेश राजनीतिक दृष्टि से जुड़ गये होकर, दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा के संदर्भ में अधिक संवेदनशील बन गये हैं। वैसे ही, आनेवाले समय में, भारत एवं बांग्लादेश एक-दूसरे के आर्थिक साझेदार बनेंगे, ऐसा दावा इस अधिकारी ने किया। भारत-बांग्लादेश में हुए इस परमाणु समझौते के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है। लेकिन भारत बांग्लादेश को परमाणुप्रकल्प के निर्माण में तांत्रिक (टेक्निकल) सहायता करनेवाला है, ऐसा कहा जाता है।

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय किये जा चुके थे। दोनों देशों के बीच पिछले कई सालों से विवाद का मुद्दा रह चुके ‘भू-सीमा’ मसले को सुलझाया गया था। इस हेतु भारत-बांग्लादेश के बीच भू-सीमा समझौता भी हुआ था। लेकिन उसी समय ऊर्जा क्षेत्र के बारे में भी कई महत्त्वपूर्ण फ़ैसलें किये गये थे। पलटना से लेकर बांग्लादेश तक बिजली वितरण मार्ग का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान ही हुआ था। सौ मेगावॅट के इस बिजली वितरण की क्षमता को बढ़ाकर भारत पाँचसौ मेगावॅट तक ले जाने की तैयारी में है। वैसे ही, पश्चिम बंगाल के ज़रिये भारत बांग्लादेश को डिझेल की भी आपूर्ति करनेवाला है।

ईशान्य भारतीय राज्यों में एलएनजी, एलपीजी तथा अन्य जीवनावश्यक चीजें तेज़ गति से पहुँचाने के लिए भारत बांग्लादेश के मार्ग का इस्तेमाल करने पर विचार कर रहा होकर, इस विषय पर दोनों देशों के बीच चर्चा शुरू है। साथ ही, ईशान्य भारत में बिजलीप्रकल्पों का निर्माण किया जानेवाला होकर, इन प्रकल्पों में निर्माण हुई बिजली के वितरण का मार्ग बांग्लादेश में से ले जाने पर भारत विचार कर रहा है। इस मामले में चर्चाएँ शुरू होकर, उसके बदले में भारत बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करनेवाला है।

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