इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के लिए भारत-जापान एक साथ होंगे – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

नई दिल्ली – चीन की विस्तारवादी हरकतों में बढ़ोतरी हो रही है तभी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ ही अन्य देशों में भारत और जापान एक साथ काम करेंगे, यह विश्वास भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने बयान किया। साथ ही इस क्षेत्र के लिए भारत और जापान का नज़रिया समान है, यह कहकर विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने इस क्षेत्र में दोनों देशों का योगदान काफ़ी बड़ा होने का दावा भी किया। बीते सप्ताह में दोनों देशों ने किए रक्षा समझौते की पृष्ठभूमि पर भारतीय विदेशमंत्री ने किया यह बयान अहम साबित होता है।

भारतीय उद्योग और व्यापार से जुड़ी संगठन ‘फिक्की’ ने हाल ही में भारत-जापान सहयोग से संबंधित रपट जारी की। इस अवसर पर आयोजित की गई ‘वर्च्युअल’ बैठक में विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने दोनों देशों की बढ़ रही नज़दीकियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। ‘भारत ने टू प्लस टू डायलॉग और सालाना बैठक, ऐसे दो माध्यमों से जापान के साथ व्यापक सहयोग विकसित किया है और ऐसी व्यवस्था वाला जापान एक मात्र देश है। इसीसे दोनों देशों के दृढ़ हुए संबंध, जागतिक गतिविधियों को लेकर हमारे नज़रिए और समान हितसंबंधों की कल्पना कर सकते हैं’, यह बात भी एस.जयशंकर ने कही। इस दौरान भारतीय विदेशमंत्री ने इंडो-पैसिफिक एवं विश्‍व के अन्य हिस्सों में भारत और जापान ने आपस में मिलकर संयुक्त प्रकल्प शुरू करने की दिशा में गतिविधियां शुरू करने की जानकारी भी साझा की।

श्रीलंका में भारत और जापान ने मिलकर संयुक्त प्रकल्पों की सफलता के साथ शुरूआत की है। इसके आगे जाकर अब बांगलादेश और म्यानमार में मिलकर सहयोग बढ़ाना संभव होने की बात की जाँच हो रही है। ईशान्य कोण भारत के प्रकल्पों के लिए गठित की गई ‘इंडिया-जापान ऐक्ट ईस्ट फोरम’ का इसके लिए उपयोग हो सकता है, इन शब्दों में भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने दोनों देशों के बीच बढ़ रहे सहयोग के संकेत दिए। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अलावा अन्य इलाकों में भी इस तरह से सहयोग मुमकिन होने की बात कहते समय एस.जयशंकर ने रशिया के फार ईस्ट रीजन और पैसिफिक के आयलैंड़ नेशन्स का ज़िक्र किया।

किसी भी देश को एशियाई महाद्विप का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा प्रभाव ही इस महाद्विप के देशों का प्रमुख उद्देश्‍य होना चाहिए और इसके लिए बड़े देशों ने अन्य देशों से संघर्ष करना टालना अहम साबित होगा, इन शब्दों में भारत के विदेशमंत्री ने चीन को फटकार लगाई। साथ ही उन्होंने कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर स्वास्थ्य सुरक्षा और व्यापार में सप्लाई चेन के क्षेत्र में भी भारत-जापान एक साथ होने के संकेत देकर चीन के खिलाफ़ यह मोर्चा अधिक मज़बूत हो सकता है, यह दावा भी किया।

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