स्वतंत्रता दिवस के संदेश में ‘पीओके’ और बलुचिस्तान का ज़िक्र कर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को बनाया निशाना

नई दिल्ली, दि. १५ (पीटीआय) – स्वतंत्रता दिवस  के अवसर पर लाल क़िले से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, ‘पाकिस्तान के क़ब्जेवाले कश्मीर’ (पीओके) समेत बलुचिस्तान का ज़िक्र करते हुए पाकिस्तान को जोर का झटका दिया| ‘पाकिस्तान के पेशावर के स्कूल में हुए हमले के बाद भारतीयों से आँसू रोके नहीं जा रहे थे| लेकिन भारत में आतंकवादी हमला होने के बाद पड़ोसी देश में खुशी मनायी जाती है, इस मानसिकता के फ़र्क़ पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने ग़ौर करना चाहिए’ ऐसा आवाहन करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर निशाना साधा| ९४ मिनट तक चले प्रधानमंत्री के भाषण के ये मुद्दे मीडिया में चर्चा का केंद्र बने हैं |

बलुचिस्तानदेश के ७० वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने, पिछले दो सालों में सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं तथा उपक्रमों को मिल रही सफलता की जानकारी दी| इसमें महँगाई रोकने के लिए सरकार द्वारा किये जा रहें प्रयासों के बारे में भी जनता को अवगत कराया| लेकिन प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की आतंकवादी मानसिकता पर किया हुआ हमला सबसे महत्त्वपूर्ण रहा| ‘पेशावर के स्कूल में हमला होने के बाद भारतीयों की आँखों में आँसू थे| यह मानवीय संस्कृति है, जिसकी जड़ें भारत में दृढ़ हुई हैं| वहीं, दूसरी तरफ़ भारत में आतंकी हमला हुआ और उसमें बेगुनाहों की जानें गयीं, तो पड़ोसी देश में खुशियाँ मनाई गयीं| उस देश में आतंकवाद का उदात्तीकरण शुरू है और वहाँ आतंकवाद से प्रेरित हुई सरकार है, ऐसी कड़ी आलोचना प्रधानमंत्री ने की|

‘पिछले कुछ सालों से मुझे ‘गिलगिट बाल्टिस्तान और ‘बलुचिस्तान’ की जनता से, मेरा शुक्रिया अदा  करनेवाले संदेश आ रहे हैं| ये भूभाग मैंने अब तक देखे भी नहीं हैं| इसके बावजूद भी यहाँ की जनता भारत के प्रधानमंत्री के बारे में सद्भावना और सम्मान व्यक्त कर रही है| यह १२५ करोड़ भारतीय जनता का सम्मान है’| ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री ने इसके लिए ‘पीओके’ और ‘बलुचिस्तान’ की जनता का शुक्रिया अदा किया| कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर मामले में आयोजित की गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने, पाकिस्तान की तरफ से ‘पीओके’ और ‘बलुचिस्तान’ की जनता पर होनेवाले अत्याचारों का मसला उपस्थित किया था| उसपर, इस इलाके में रहनेवाली जनता ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है|
इस तरह से स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते समय ‘पीओके’ और ‘बलुचिस्तान’ का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को झटका दिया| यह पाकिस्तान के प्रति रहनेवाली भारत की नीति में बहुत बड़ा आक्रामक बदलाव है, ऐसी टिप्पणी विशेषज्ञों ने दर्ज की हैै|

हिंसा से किसी भी सवाल का जवाब नहीं मिलता| आतंकवाद और चरमपंथियों की राह से कुछ हाथ लगनेवाला नहीं| इसीलिए यह राह छोड़कर युवाओं ने मुख्य धारा में शामिल होना चाहिए, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने किया| सामाजिक एकता के बगैर सशक्त समाज का निर्माण नहीं हो सकता, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री ने, उच्च-नीच और भेदभाव को समाज से निकाल बाहर करने का आवाहन किया|

भारत के सामने बड़ी समस्याएँ हैं और इन समस्याओं को हल करने की अपरिमित ताकत भारत के पास है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने, जनता के सहभाग का आवाहन करते हुए, अपनी सरकार जनता की समस्याओं का हल ढूँढ़ रही है, ऐसा आश्‍वस्त किया| देश के हर एक गाँव में बिजली पहुँचाने का उद्दिष्ट निर्धारित समय से पहले पूरा होगा, ऐसा विश्‍वास भी प्रधानमंत्री ने ज़ाहिर किया| साथ ही, बिजली की बचत करने के लिए ‘एलईडी बल्ब की क़ीमत ३५० रुपयों से ५० रुपयों तक लाने की जानकारी प्रधानमंत्री ने दी| करीबन १३ करोड़ एलईडी बल्ब का इस्तेमाल शुरू हुआ है और ७७ करोड़ एलईडी बल्ब देने का सरकार का उद्दिष्ट है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| इससे २० हजार मैगावैट इतनी बिजली और सव्वा लाख करोड़ रुपयों की बचत होगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| रेल सेवा विस्तार और सड़कों के निर्माण के काम जोरोंशोरों से शुरू हैं|

सरकार की मुद्रा योजना का लाभ, समाज के निचले स्तर की जनता ले रही है | इसमें अनुसूचित जाति और महिलाओं का भी समावेश महत्त्वपूर्ण है, ऐसा बताते हुए प्रधानमंत्री ने इसपर संतोष व्यक्त किया|
‘किसान के लिए शुरू की हुई फ़सल बिमा योजना और मुद्रा सर्वेक्षण योजनाओं को सफलता मिल रही है| सन २०२२ तक किसान की आमदनी दुगुनी करने का लक्ष्य सरकार के सामने है| युरिया प्राप्त करने के लिए किसानों को लंबी लंबी कतारें लगानी पड़ती थीं| लेकिन अब सरकार की योजना से किसानों को आसानी से युरिया मिल रहा है| आधार कार्ड का कल्याणकारी योजनाओं से सीधा संबंध जोड़ने के कारण जरूरतमंदों को अनुदान मिल रहा है|

इस व्यवस्था से, होनेवाला करोड़ो रुपयों का भ्रष्टाचार खत्म हुआ, इस तरफ प्रधानमंत्री ने सबका ग़ौर फ़रमाया| इससे पहले की सरकार ने शुरू किए, मग़र बाद में प्रलंबित हुए क़रीबन ११८ प्रकल्प पूरे करने के लिए विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं, ऐसी जानकारी प्रधानमंत्री ने दी| प्रकल्पों का प्रलंबित होना और उसकी वजह से होनेवाला नुकसान, यह गुनाहगारी क़िस्म की लापरवाही साबित होती है, ऐसा आरोप भी प्रधानमंत्री ने लगाया|

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