युनायटेड स्टेस ऑफ़ युरोप को युरोपीय देशों से बढ़ता विरोध- युगव्ह का सर्वेक्षण

लंदन / ब्रुसेल्स: जर्मनी एवं फ्रांस के साथ यूरोपीय महासंघ द्वारा बनी यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप इस योजना को होनेवाला विरोध प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। यूरोप में अग्रणी की सर्वेक्षण संस्था के तौर पर पहचाने जाने वाले युगव्ह के नए सर्वेक्षण से यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है। यूरोप में ७ प्रमुख देशों में हुए परीक्षण में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप की योजना का सबसे अधिक एवं ठोस समर्थन करनेवाले देशों में फ्रांस अग्रणी पर होकर, उसको समर्थन देने वाले लोगों की संख्या केवल १० फीसदी होने की बात स्पष्ट हुई है।

युनायटेड स्टेस ऑफ़ युरोप

कुछ दिनों पहले जर्मनी के एसपीडी इस पक्ष के नेता मार्टिन शुल्झ ने सन २०२५ तक यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप की संकल्पना वास्तव में लानी होगी, ऐसी आग्रही भूमिका प्रस्तुत की थी। शुल्झ के विधान पर यूरोपीय महासंघ के ७ प्रमुख देशों के नागरिकों के मत सर्वेक्षण में जाने गए थे। उसके लिए ८००० से अधिक लोगों की प्रतिक्रिया ली गई है। जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे एवं ब्रिटन इन देशों में सर्वेक्षण हुआ है।

इस सर्वेक्षण से चौंका देनेवाले निष्कर्ष सामने आए हैं और यूरोपियन जनता को यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप यह संकल्पना बिल्कुल अच्छी न लगने की बात स्पष्ट हो गई है। जर्मनी में ८० प्रतिशत तथा फ्रांस में ७२ प्रतिशत नागरिकों ने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ युरोप की योजना से इनकार किया है। नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन एवं डेनमार्क इस देश में ८० प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप को विरोध और उसके बारे में नजरअंदाज करने वाला बर्ताव दिखाया है। तथा ब्रिटन में ९० प्रतिशत नागरिकों ने यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप के लिए नकारार्थी प्रतिक्रिया दी है।

यूरोपीय महासंघ द्वारा सन २००० से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप की योजना आगे जारी करने का प्रयत्न शुरू हुए हैं। सन २००४ को ‘ट्रीटी एस्टाब्लिशड अ कॉन्स्टिट्यूशन फॉर यूरोप’ प्रस्तुत किया गया था। पर फ्रांस एवं नेदरलैंड ने इसे मंजूरी देने के लिए इनकार जताया था। जिस से यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप इस योजना को झटका लगा था। ब्रिटन ने भी इस संकल्पना का तीव्र विरोध किया था।

ब्रेक्झिट के निर्णय के बाद महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी एवं जर्मनी, फ्रांस जोड़ी ने फिर एक बार यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप की योजना को आगे लाने के लिए प्रयत्न शुरू किए थे। यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप यह योजना आगे ले जाने के लिए महासंघ ने यूरोपीय ‘आर्मी’ एवं रक्षा सहयोग पर जोर देने का प्रस्ताव मंजूर करने में भी सफलता प्राप्त की थी। पर अन्य मुद्दों पर महासंघ के अग्रणी के देशों में तीव्र विरोध एवं नाराजगी के सुर उमड़ने शुरू हुए हैं, ऐसा नए सर्वेक्षण में प्रतीत होने लगा है।

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