जागतिक अर्थव्यवस्था में बनी अनिश्‍चितता की पृष्ठभूमि पर – सेंट्रल बैंकों ने सोने में निवेश करना जारी रखा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/मॉस्को: दुनिया में अग्रणी की वित्त व्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों ने पिछले वर्ष सोने की खरीदारी बड़े तादाद में बढ़ाने का रिपोर्ट वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के साथ विविध गुटों ने दिया था| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता तनाव, चलन युद्ध, व्यापार युद्ध और अमरीकी डॉलर में निवेश कम करने के लिए शुरू प्रयत्नों की वजह से आनेवाले समय में भी सोने की खरीदारी की ओर झुकाव कायम रहेगा, ऐसा दावा विश्‍लेषक एवं वित्त विशेषज्ञ कर रहे हैं|

व्यापार युद्ध एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्त व्यवस्था के आर्थिक बढ़ोतरी के विषय में होनेवाली चिंता की वजह से सोने जैसे सुरक्षित निवेश की तरफ झुकाव बढ़ता जा रहा है, ऐसा वरिष्ठ विश्‍लेषक ल्युकमन ऑटोनूगा ने कहा है| ऑटोनूगा यह विदेशी चलन व्यापार में अग्रणी की वित्त कंपनी होनेवाले ‘एफएक्सटीएम’ में संशोधन एवं विश्‍लेषक के तौर पर कार्यरत है| आनेवाले समय में सोने की निवेश अग्रणी पर रहेंगी, यह कहते हुए उन्होंने ब्रेक्जिट जैसे मुद्दे में होनेवाली अनिश्चितता एवं अन्य राजनैतिक तनाव का उल्लेख किया है|

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अग्रणी के बैंकिंग ग्रुप के तौर पर पहचाने जाने वाले एएनझेड के नए रिपोर्ट में भी केंद्रीय बैंकों से हो रही सोने की खरीदारी की तरफ ध्यान केंद्रित किया गया है| अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था में उभरते वित्त व्यवस्थाओं के चलन के बारे में बड़े अनिश्चितता का वातावरण है| इसकी वजह से रशिया, चीन, तुर्की जैसे देश सोने के निवेश में बढोतरी करते दिखाई दे रहे हैं, यह कहकर एएनझेड के विश्‍लेषक डेनियल साइंस एवं सोनी कुमारी ने आनेवाले समय में भी केंद्रीय बैंकों का झुकाव सोने के निवेश की तरफ रहेगा ऐसा अंदाजा जताया है|

एएनझेड ने अपनी रिपोर्ट में इस वर्ष में दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंक लगभग ६५० टन से अधिक खरीदारी करेंगे, ऐसा अंदाजा जताया है| यह अंदाजा व्यक्त करते हुए उन्होंने चीन की ओर विशेष निर्देश किया हैं| फिलहाल चीन की केंद्रीय बैंक ‘पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना’ के भंडार में १९३६ टन सोना है| फिर भी इस देश के पास होनेवाले विदेशी जमा पूंजी की तुलना में सोने का हिस्सा फिलहाल सिर्फ ३ प्रतिशत है| जिसकी वजह से इस देश को सोने में निवेश बढ़ाने में बहुत बड़ी रुचि है, ऐसा दावा किया है| रशिया की केंद्रीय बैंक भी सोने में लगातार निवेश करनेवाली संस्था होने की बात की ओर एएनझेड के विश्‍लेषकों ने ध्यान केंद्रित किया है|

भारत की केंद्रीय बैंक ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया’ ने भी अपने रिपोर्ट में केंद्रीय बैंकों से खरीदारी हो रही सोने के मुद्दे का विशेष उल्लेख किया है| पिछले दशक में आर्थिक मंदी के बाद जागतिक वित्त व्यवस्था में उभरते एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं ने अपनी आरक्षित जमा पूंजी बढ़ाने पर जोर देना शुरू किया है| उस समय से अमरिकी डॉलर पर निर्भर न रहने के लिए धारणा में बदलाव किए जा रहे हैं| जिन देशों पर आर्थिक प्रतिबंध जारी किए गए हैं, उन्होंने विकल्प के तौर पर सोने पर अधिक जोर दिया है| इस से पिछले कई वर्षों में केंद्रीय बैंकों ने सोने के भंडार में बढ़ोतरी शुरू रखी रही है, ऐसा रिजर्व बैंक ने कहा है|

रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में जून महीने में विदेशी जमा पूंजी में बढ़ोतरी होने का उल्लेख किया है और निवेश के विविध विकल्पों के भाग के तौर पर सोने की खरीदारी की जानकारी दी है| वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने प्रसिद्ध किए रिपोर्ट में वर्ष २०१९ के पहले ६ महीनों में केंद्रीय बैंकों ने लगभग ३७४ टन सोने की खरीदारी करने की बात कही जा रही है| इस में रशिया का हिस्सा ९६ टन होकर पहले ५ देशों में चीन, तुर्की एवं कजाकिस्तान के साथ भारत का समावेश है|

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