‘ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान’ का शुभारंभ

Garib-Kalyan-Rojgar-Logoनई दिल्ली – शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हिडिओ कॉन्फरन्सिंग के ज़रिये ‘ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान’ का शुभारंभ किया। लॉकडाऊन के बाद देश में स्थलांतरित मज़दूर विभिन्न शहरों से अपने मूल गाँव लौटे हैं। ‘ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान’ के तहत इन मज़दूरों को गाँव में ही रोज़गार उपलब्ध करा दिया जानेवाला है। देश के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश तथा राजस्थान इन राज्यों के ११६ ज़िलों में यह अभियान शुरू हुआ है।

लॉकडाऊन के बाद अपने अपने गाँव लौटे तक़रीबन ६७ लाख मज़दूरों के रोज़गार का प्रश्न निर्माण हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर, इन मज़दूरों को गाँव में ही रोज़गार उपलब्ध करा देने के लिए ‘ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान’ शुरू किया गया है। बिहार के खगोरिया से इस योजना का शुभारंभ हुआ। व्हिडिओ कॉन्फरन्सिंग के ज़रिये बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में सहभागी हुए थे।

Garib-Kalyan-Rojgarइस अभियान के तहत, मज़दूरों द्वारा ग्रामीण घर, पेयजल और स्वच्छता, ग्रामीण सड़कें इन जैसे सार्वजनिक काम कराये जानेवाले हैं। साथ ही, गाँवों में आवश्यक होनेवालीं आधुनिक सुविधाओं के काम भी इस अभियान के अंतर्गत होनेवाले हैं। इसके अलावा महिलाओं को बचत गुट के तहत जोड़ा जायेगा, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। इस अभियान के कारण मज़दूर सक्षम बनेंगे। उन्हें सहायता के लिए याचना करनी नहीं पड़ेगी। इससे मज़दूरों को गाँवों में ही रोज़गार मिलेगा और गाँवों का विकास होगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ाहिर किया।

इस समय प्रधानमंत्री ने ग्रामपंचायत और ग्रामीण संस्थाएँ कोरोनावायरस के विरोध में कर रहे लड़ाई की प्रशंसा की। साथ ही, प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर’ पॅकेज और क़िसानों को दी गयीं सुविधाओं की भी जानकारी दी। कृषिउत्पाद कहाँ पर बेचनी है, इसका निर्णय करने की सहूलियत अब क़िसानों को मिली है। साथ ही, क़िसान को मंड़ी के साथ ठेंठ जोड़ने के लिए और शीतगृहों के लिए ‘आत्मनिर्भर पॅकेज’ के तहत एक लाख करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है, ऐसा प्रधानमंत्री ने इस समय कहा।

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