केंद्रीय अर्थमंत्री के हाथों ‘डोअरस्टेप बैंकिंग’ सेवा का उद्घाटन

नई दिल्ली – देश की सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकें ‘डोअरस्टेप बैंकिंग सेवा’ प्रदान करेंगी। केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने इस सेवा की शुरूआत की। इसके अनुसार बैंक अब ग्राहकों के लिए और भी ज्यादा तत्पर होगी और सरकारी बैंक नियमित दे रही सभी सुविधाएं ग्राहकों को सीधे दरवाज़े पर जाकर प्रदान करेंगी। ‘डोअरस्टेप बैंकिंग एजंटस्‌’ के माध्यम से यह सेवा शुरू की जाएगी। ग्रामिण इलाकों के नागरिक, ज्येष्ठ नागरिक और दिव्यांक नागरिकों को इस सेवा से बैंकिंग सुविधा प्राप्त करना अधिक आसान होगा।

doorstep-banking‘एन्हान्स एक्सेस ऐंड़ सर्विस एक्सलन्स’ कार्यक्रम के तहत स्मार्ट बैंकिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत ‘डोअरस्टेप बैंकिंग’ की सुविधा शुरू की गई है। इसके ज़रिए ग्राहकों को घर बैठें ही कई बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठाना संभव होगा। वर्तमान में फिलहाल बगैर आर्थिक सेवा इस माध्यम से उपलब्ध की जाएगी। चेक लेना, डिमांड ड्राफ्ट और पे ऑर्डर, नए चेकबुक की स्लिप, अलग अलग आवेदन पत्र, खाते से संबंधित अर्जी, चेकबुक वितरण, सावधि जमा की रसीद का वितरण, टीडीएस फॉर्म १ का वितरण, आदि सेवाएं इसमें शामिल होंगी।

इसके अलावा, इस नई सेवा में क्रेडिट अ क्लिक, डायल अ लोन, बैंकिंग ऑन द गो जैसी योजनाओं का लाभ भी ग्राहकों को प्राप्त करना संभव होगा। लेकिन, इस सेवा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को काफी अल्प शुल्क अदा करना होगा। इन सभी सेवाओं का लाभ अक्तूबर से प्राप्त होगा। डोअरस्टेप बैंकिंग की सेवा जिन्हें बैंक में जाने में परेशानी होती है, ऐसें ज्येष्ठ नागरिक और दिव्यांगों के लिए शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन, कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर यह सेवा सभी लोगों के लिए शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

बैंकों ने क्रेडिट रेटिंग एजन्सी की रपट पर निर्भर रहे बिना बैंक अपने ग्राहकों से सीधे बातचीत करने पर जोर दे। ग्राहकों के साथ सीधे संबंध स्थापित करते समय उचित तकनीक का इस्तेमाल करने की एवं साथ ही मात्र तकनीक पर निर्भर ना रहने की सूचना केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने इस दौरान की।

वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकूर, अर्थ सचिव राजीव कुमार, इंडियन बैंक असोसिएशन के अध्यक्ष और भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार उपस्थित थे।

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