जम्मू और कश्मीर में सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण छह पूलों का लोकार्पण

नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर में सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण छह पूलों का लोकार्पण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। चीन के साथ ही पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति होने के बावजूद ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनायझेशन’ (बीआरओ) ने पुलों का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया है। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ के सैनिकों की सराहना की है। सीमारेखा के नज़दीकी क्षेत्रों में सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण १७ पूलों का काम ‘बीआरओ’ को सौंप दिया गया था। पूरे हुए छह पूल इस परियोजना का भाग हैं।

छह पूलों का लोकार्पण

जम्मू-कश्मीर में बीआरओ द्वारा निर्मित छह पूल राष्ट्र को समर्पित किए जा रहे हैं। बीआरओ ने बहुत ही कम समय में इन पुलों का निर्माण किया है और ये पुल सुरक्षाबलों को, सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहायकारी साबित होंगे तथा दुर्गम सीमावर्ती क्षेत्रों में विकासकार्य में योगदान देगें’, ऐसा विश्वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने इस समय व्यक्त किया।

‘बीआरओ’ द्वारा बनाए गए छह पूलों में से चार अखनूर सेक्टर में हैं। साथ ही, जम्मू सेक्टर में भी दो पुल हैं। १ साल की अवधि में पुराने सांबा-कठुआ मार्ग पर, हीरानगर सीमा के पास बनाया गया यह तीसरा प्रमुख पुल है। इसके अलावा, बेई नाले पर एक पुल का निर्माण किया गया है।

भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित गाँवों को, सीमा के उस पार से गोलीबारी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, ये पुल इन गांवों के लिए भी सहायकारी साबित होंगे। इन पुलों के कारण, गाँववालों को किसी भी आपात स्थिति में, कुछ ही मिनटों में सुरक्षित स्थान पर पहुँचना संभव होगा। इस मार्ग पर और पाँच छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। इन पुलों का उपयोग केवल कठुआ जिले की जनता को ही नहीं, बल्कि सांबा, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर में स्थित जनता को भी होगा।

बीआरओ जम्मू और कश्मीर में १७ पुलों का निर्माण करेगा, जिनमें से छह पूल पूरे हो चुके हैं। पाँच और पुलों का निर्माण अगले महीने पूरा हो जाएगा और शेष पुलों का निर्माण मार्च २०२१ में पूरा हो जाएगा।

इसी बीच, कोरोनावायरस के संकट के बावजूद भी केंद्र सरकार ने बीआरओ को संसाधनों की कमी नहीं होने दी, ऐसा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा। सन २००८ से २०१६ के बीच बीआरओ का बजट लगभग ३५०० से ४५०० करोड़ रुपये था। परंतु सन २०१९ और २०२० में वह ८,००० करोड रुपयों से अधिक हो गया है। सन २०२०-२०२१ में बीआरओ के लिए ११,८०० करोड रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है, इसपर रक्षामंत्री ने ग़ौर फ़रमाया।

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