इम्रान खान की भारतविरोधी बयानबाजी निराशता से ही हो रही है – भारतीय विदेश मंत्रालय की फटकार

नई दिल्ली: ‘‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम’ की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कश्मीर मुद्दे पर किए बयान उनकी निराशता से किए गए है| अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के दोगलेपन से अच्छी तरह से पहचानता है’, ऐसी फटकार भारत के विदेश मंत्रालय ने लगाई है| साथ ही कश्मीर द्विपक्षिय मसला है और अन्य किसी भी तीसरें की मध्यस्थता की जरूरत नी है, यह बात भी भारतीय विदेश मंत्रालय ने फिर एक बार डटकर स्पष्ट की|

डावोस की ‘डब्ल्यूईएफ’ की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शामिल हुए है और इस व्यासपीठ का हो सके उतना भारत के विरोध में इस्तेमाल करने की तैयारी इम्रान खान ने रखी है| फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति नही है| फिर भी दो परमाणु देशों में ऐसी स्थिति ना बनें इस लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहल करें, यह निवेदन इम्रान खान ने किया था| साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ हुई बातचीत के दौरान भी इम्रान खान ने कश्मीर मसले का हल निकालने के लिए मध्यस्थता करने का निवेदन किया था|

इम्रान खान की यह कोशिश और उन्होंने किया बयान उनकी निराशता स्पष्ट करते है| साथ ही पाकिस्तान का दोगलापन भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अच्छी तरह से ज्ञात है| एक ओर आतंकवाद का शिकार होने का दावा पाकिस्तान करता है और दुसरी ओर वही पाकिस्तान आतंकियों को हर तरह की सहायता प्रदान कर रहा है, यह बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने स्पष्ट हो चुकी है’, इस स्थिति पर भारत के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने ध्यान आकर्षित किया|

डावोस में इम्रान खान ने किए बयान पर चिंता करने की कुछ भी नई बात नही है| लगातार इस तरह की चिंता जताने के बजाए भारत के साथ बातचीत करने के लिए पाकिस्तान अनुकूल माहौल तैयार करें, यह मांग रविश कुमार ने रखी| भारत के साथ पाकिस्तान को बातचीत करनी है तो इशके लिए पाकिस्तान को आतंकियों पर कडी कार्रवाई करनी होगी| यह कार्रवाई किए बिना दोनों देशों की बातचीत के लिए सही माहौल तैयार नही होगा, यह बात भी रविश कुमार ने स्पष्ट की|

डावोस में वृत्तसंस्थाओं से दिए मुलाकात में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत में जारी गतिविधियों पर चिंता जताकर इस देश में आक्रामक बदलाव होने का दावा किया| इस पर भी रविश कुमार ने आपत्ति जताई| भारत में क्या हो रहा है, इस ओर ध्यान देने के बजाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपनी देश में अधिक ध्यान केंद्रीत करें, यह बयान रविश कुमार ने किया| भारत को इम्रान खान की सलाह की जरूरत नही है, यह फटकार भी इस दौरान रविश कुमार ने लगाई|

तभी, संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त भारत के राजदूत सय्यद अकबरुद्दिन ने यह आलोचना की है की, पाकिस्तान लगातार कश्मीर मसला उपस्थित करके भारत के विरोध में जहर उगल रहा है| पर पाकिस्तान को अबतक एक भी देश का समर्थन प्राप्त करना मुमकिन नही हो सका है| इस ओर अकबरुद्दिन ने ध्यान आकर्षित किया| अगले दिनों में भी पाकिस्तान के दुष्प्रचार को कोई भी समर्थन नही देगा, यह टिपणी अकबरुद्दिन ने लगाई| संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में चीन की सहायता प्राप्त करके पाकिस्तान ने कश्मीर में कथित अत्याचार होने का मुद्दा उपस्थित करने की कोशिश की थी| पर, यह द्विपक्षिय मसला होने की बात कहकर सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य देशों ने भी इस ओर अनदेखी की थी|

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