सुधारित श्रेणी के पिनाक रॉकेट का परीक्षण

बालासोर ओडिशा: प्रगत नेविगेशन यंत्रणा का जोड़ दिए जानेवाले सुधारित श्रेणी के पिनाक रॉकेट का लगातार दूसरे दिन किए परीक्षण बहुत ही सफल ठहरा है। इससे पहले बुधवार को सुधारित श्रेणी के बनाए हुए पिनाक परीक्षण लिया गया था।

सुधारित, श्रेणी, यंत्रणा, पिनाक रॉकेट, परीक्षण, बालासोर ओडिशा, डीआरडीओभारतीय रक्षा संशोधन और विकास संस्था (डीआरडीओ) ने विकसित किए पिनाक रॉकेट सिस्टम बड़ी तादाद में भारतीय लष्कर के बेड़े में दाखिल किए जाने वाले हैं। कारगिल युद्ध में इस रॉकेट ने बहुमूल्य कामगिरी बजाई थी। उसके बाद यह यंत्रणा लष्कर में तैनात की गई है। पर अब वह अधिक सुधारित करने का प्रयास शुरू है। इस रॉकेट की मारक क्षमता ४० किलोमीटर से बढ़ाकर ७० किलोमीटर की गई है। तथा इस रॉकेट को अत्याधुनिक नेविगेशन सिस्टम से जोड़ा गया है। फिलहाल लष्कर में दाखिल हुए पिनाक रॉकेट में नेविगेशन प्रणाली नहीं है। पर सुधारित श्रेणी के रॉकेट में नैविगेशन प्रणाली होने की वजह से यह रॉकेट अचूक रूप से अपने लक्ष्य को भेद सकते हैं।

पिनाक इस सुधारित श्रेणी की आवृत्ति को ‘पिनाक मार्क-दो’ नाम लिया गया है। ‘पिनाक मल्टीबैरल रॉकेट सिस्टम’ की सहायता से केवल ४४ सेकंड में १२ रौकेट डागे जा सकते हैं। पुणे के ‘आर्मामेंट रिसोर्स डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट’ (एआरडीइ), हैदराबाद कि ‘डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेटरी’ (डीआरडीएल) इन दोनों ने पिनाक पर बिठाए गए इस सुधारित श्रेणी के नेविगेशन प्रणाली विकसित की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.