गिलगित-बाल्टिस्तान तुरंत खाली करें – भारत की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली – पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने, ‘पीओके’ कश्‍मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव करवानें के दिए आदेश पर भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है। पाकिस्तान ने अवैध कब्ज़ा किए इस क्षेत्र से संबंधित कोई भी आदेश ज़ारी करने का अधिकार पाकिस्तान की अदालत को नहीं हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्‍मीर, लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और इस क्षेत्र की स्थिति में बदलाव करने की कोशिश करके, पाकिस्तान इस क्षेत्र पर किए अवैध कब्जे को वैधता नहीं दे सकता, ऐसी फटकार भारत ने पाकिस्तान को लगाई है। साथ ही, पाकिस्तान तुरंत ही गिलगित-बाल्टिस्तान को खाली करें, यह माँग भारत ने की है और इस मामले में पाकिस्तान के राजनयिक अफसर के हाथ में समन्स भी रखा है।

पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव करवाने के आदेश ज़ारी किए हैं। साथ ही, इस चुनाव के लिए कानून में सुधार करने को भी कहा है। पाकिस्तान इस क्षेत्र में बनीं स्थिति क़ानूनन बदलने की कोशिश पिछले कई वर्षों से कर रहा हैं। सन २००९ में पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को ‘नॉर्दन एरिया ऑफ गिलगित-बाल्टिस्तान’ यह नया नाम दिया था। साथ ही, गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पाँचवा प्रांत घोषित करने के लिए पहली बार गतिविधियाँ शुरू की थीं। वहाँ के मुख्यमंत्री और गव्हर्नर को नियुक्त करने का प्रावधान करने की कोशिश करने के लिए भी पाकिस्तान ने कदम उठाया था। सन २०१८ में पाकिस्तान की सरकार ने, पहले के आदेशों में और भी कुछ बदलाव किए थे और यह क्षेत्र अपना पाँचवा क्षेत्र घोषित करने की पूरी तैयारी की। लेकिन, भारत ने कड़ा विरोध करने पर पाकिस्तान की यह साज़िश नाकाम हुई और पाकिस्तान ने अपने योजना कुछ समय के लिए दूर रखी थी।

लेकिन अब सर्वोच्च अदालत के आदेशों के आड़े पाकिस्तान अपना घिनौना दाँव दोबारा खेलने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में फटकार लगाई है। पाकिस्तान की ये गतिविधियाँ वहाँ पर किए अवैध कब्जे को पर्दा करने के लिए है। लेकिन ऐसा हो नहीं सकेगा। यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग हैं और पाकिस्तान यह क्षेत्र तुरंत खाली करें, यह चेतावनी भारत ने दी है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजनयिक अफसर को समन्स देकर इस मसले पर अपनी आपत्ति दर्ज की। भारत ऐसी हरकतें ज़रा भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा, यह बात पाकिस्तान के राजनयिक अफसर को कड़े शब्दों में सुनाई गई है।

गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करने के लिए पाकिस्तान फिलहाल मजबूर है। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र में लूट करने के अलावा कुछ भी नहीं किया है। पाकिस्तान ने यहाँ की जनता पर लगातार अत्याचार किए हैं, यह बात यहाँ की जनता कह रही है और गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्ज़ा करके भारत हमारी यातना ख़त्म करें, यह निवेदन यहाँ की जनता कर रही है। भारत ने जम्मू-कश्‍मीर से धारा-३७० हटाने के बाद यह माँग और भी तेज़ होती दिख रही है। इस वजह से पाकिस्तान काफ़ी बेचैन हुआ है।

चीन के महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ (बीआरआय) का हिस्सा होनेवाला ‘चायना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) गिलगित-बाल्टिस्तान से ही गुजर रहा है। इस परियोजना को गिलगित-बाल्टिस्तान के नागरिकों का जोरदार विरोध हो रहा है और यह विरोध अब और भी तेज़ हो रहा है। भारत ने पहले ही चीन को यह चेतावनी लगातार दी है कि यह परियोजना भारत के सार्वभूमता का उल्लंघन है। फिलहाल आर्थिक संकटों से घिरे पाकिस्तान को ऐसा लगता है कि ‘सीपीईसी’ ही एक अपने भविष्य का आर्थिक आधार है। इस वजह से, पाकिस्तान इस क्षेत्र पर किए अपने अवैध कब्ज़े को वैधता दिलाने की कोशिश करता हुआ दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.